सीए नरेश केजरीवाल पर गिरफ्तारी की तलवार, अगले सप्ताह हाईकोर्ट में सुनवाई
रांची मनी लांड्रिंग मामले में फंसे पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ. प्रदीप कुमार के सीए नरेश केजरीवाल पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत खारिज करने के बाद पहले बीमारी का बहाना अब गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गए।
जागरण संवाददाता, रांची : मनी लांड्रिंग मामले में फंसे पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ. प्रदीप कुमार के सीए नरेश केजरीवाल पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत खारिज करने के बाद पहले बीमारी का बहाना अब गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गए। दो जुलाई को नरेश केजरीवाल की ओर से हाईकोर्ट में क्वैसिंग याचिका(निरस्त याचिका)दायर की गई। इसपर हाइकोर्ट की एक बैंच ने सुनवाई करने से इंकार कर दिया और मामले को अन्य बैंच में ले जाने का आदेश दिया। संभावना जताई जा रही है कि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के आदेश से अगले सप्ताह इस मामले को अन्य बैंच में सूचीबद्ध किया जाएगा। मामला कांड संख्या इसीआइआर-2/18 से जुड़ा है। नरेश अग्रवाल पर 1.76 करोड़ रुपये मनी लांड्रिंग में डॉ. प्रदीप कुमार को मदद करने का आरोप है। इससे पूर्व तीन जून 2019 को डॉ. प्रदीप कुमार ने ईडी कोर्ट में समर्पण किया था। डॉ. प्रदीप कुमार एवं उनके भाई राजेंद्र कुमार जेल में हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने आठ सप्ताह में सरेंडर करने का दिया था आदेश
अग्रिम जमानत खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 23 अप्रैल 2019 को सीए नरेश केजरीवाल को आठ सप्ताह के अंदर संबंधित न्यायालय में सरेंडर करने का आदेश दिया था। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका के निष्पादन तक गिरफ्तारी से छूट दी थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से 17 जून को सीए नरेश केजरीवाल ने ईडी के विशेष कोर्ट में सरेंडर किया और व्यक्तिगत कारणों से अदालत से समय मांगा। अदालत ने मांग मानते हुए अग्रिम जमानत पर सुनवाई के लिए एक जुलाई की तिथि निर्धारित की। उस दिन हाजिर होने को भी कहा। लेकिन इसके बाद से सीए नरेश केजरीवाल कई बार अदालत से समय की मांग चुके हैं। कभी खुद तो कभी उनके अधिवक्ता बीमारी का बहाना बना कर मामले को एक अगस्त तक टालते रहे हैं।