नाबालिग का वीडियो : सेना के जवान ने किया था दुष्कर्म का प्रयास
नामकुम के आर्मी कैंप के समीप बीते दिन सेना के जवान द्वारा नाबालिग प्रेमी जोड़े का वीडिया बनाने के मामले में पीडि़ता ने थाने में अापबीती सुनाई।
रांची, जासं। नामकुम स्थित आर्मी कैंप 9 बिहार यूनिट के पास बुधवार की शाम नाबालिग का वीडियो बनाने के बाद हुए बवाल मामले में दूसरे दिन चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिस नाबालिग का वीडियो बनाया गया है, उसने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि उसका नग्न वीडियो बनाने के बाद सेना के जवान अमरेश कुमार ने दुष्कर्म का प्रयास किया था।
विरोध करने पर पैसे देने और कपड़े खरीद कर देने की भी बात कही। साथ ही वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने की भी धमकी दी गई। काफी देर तक शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव बनाया। काफी गिड़गिड़ाने पर शाम के छह बजे दोबारा बुलाया और बोला कि शाम में आ जाना, उसी समय वीडियो डिलीट कर देंगे। इससे पहले नाबालिग लड़की और उसके नाबालिग दोस्त से मारपीट भी की थी।
योजना बनाकर पहुंची, तब हुई झड़प : पीड़िता बोली कि अमरेश के चंगूल से छूटकर वहां से लौटी और दोस्तों को घटना जानकारी दी। इसके बाद दोस्तों और ग्रामीण युवकों के साथ बुलावे के अनुसार योजनाबद्ध तरीके से शाम के छह बजे वहां पहुंची। वहां वह वीडियो डिलीट करने के लिए गिड़गिड़ाई, लेकिन डिलीट नहीं किया। इसके बाद वहां लड़की को बाइक पर बैठाकर अमरेश फायरिंग रेंज ले गया। जहां पहले से तीन सेना के जवान मौजूद थे। दोबारा गलत हरकत की कोशिश पर जवानों और ग्रामीण युवकों में झड़प हो गई थी।
मामले में तीन एफआइआर, जांच शुरू : आर्मी कैंप के समीप खोजाटोली आर्मी भर्ती मैदान के समीप हुए बवाल मामले को लेकर नामकुम थाने में तीन प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसमें पहली एफआइआर सेना जवान अमरेश कुमार की ओर से दर्ज कराई गई है। जिसमें कहा गया है कि ड्यूटी के दौरान 15-20 युवक पहुंचे और उसके साथ मारपीट की। मोबाइल, पैसे व आधार कार्ड लूट लिये। दूसरी एफआइआर आकाश कुमार व संदीप कुमार के बयान पर हुई।
उसमें नाबालिग का अश्लील वीडियो डिलीट करने की बात पर मारपीट करने का आरोप है। तीसरी प्राथमिकी नाबालिग लड़की के बयान पर हुई, जिसमें रेप का प्रयास करने, नग्न वीडियो बनाने सहित कई गंभीर आरोप लगे हैं। जिस मोबाइल से वीडियो बनाया गया है उसे पुलिस ने जब्त कर लिया है। सुबह से थाने में जमी थी भीड़ घटना के दूसरे दिन गुरुवार सुबह से ही थाने में भीड़ जमी थी। लोग आरोपितों की गिरफ्तारी और सेना से बर्खास्त करने की मांग कर रहे थे।
इसके अलावा नामकुम थानेदार की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कार्रवाई की मांग पर अड़े थे। ग्रामीणों का कहना था कि घटना की सूचना थाने को रहते हुए भी पुलिस नहीं पहुंची। मामले को मैनेज करने की कोशिश की गई। मामले की जांच करने ग्रामीण एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग, मुख्यालय-1 एएसपी अमित रेणू सहित अन्य अधिकारी पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने बारीकी से जांच की। पूरे मामले की जांच की जिम्मेवारी एएसपी अमित रेणू को दी गई है।
झड़प में दोनों ओर से चार हुए थे घायल : सेना के जवानों और ग्रामीणों के बीच हुई झड़प में दोनों ओर से चार लोग घायल हो गए थे। ग्रामीण युवकों में मोनू कुमार, आकाश कुमार और संदीप कुमार शामिल हैं, जबकि सेना जवान की ओर से अमरेश सिंह घायल है। घायल युवकों के अनुसार सेना के जवानों ने उन्हें करीब तीन घंटे तक बंधक बनाकर रखा था। पुलिस के पहुंचने के बाद उन्हें मुक्त किया गया था। गंभीर रूप से घायल मोनू की स्थिति में सुधार हो रही है।
कर रहे मामले की जांच : सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच का निर्देश एएसपी को दिया गया है। मामले में नियमसंगत कार्रवाई होगी। -अजीत पीटर डुंगडुंग, ग्रामीण एसपी रांची।