आइजी की सेवानिवृत्ति के साथ ही बंद पड़ा राज्य आग्नेयास्त्र ब्यूरो
रांची झारखंड पुलिस में सीआइडी के अधीन संचालित राज्य आग्नेयास्त्र ब्यूरो सिर्फ नाम का ब्यूरो बनकर रह गया है। आइजी की सेवानिवृत्ति के बाद से बंद पड़ा है।
रांची : झारखंड पुलिस में सीआइडी के अधीन संचालित राज्य आग्नेयास्त्र ब्यूरो सिर्फ नाम का ब्यूरो बनकर रह गया है। राज्य में जब्त हथियारों को नष्ट करने के लिए हाई कोर्ट के आदेश पर बने इस ब्यूरो के प्रमुख सीआइडी के आइजी रंजीत कुमार प्रसाद बनाए गए थे। उन्होंने पत्राचार कर कुछ जिलों से जब्त हथियारों की सूची मंगवाई थी, लेकिन दिसंबर-2019 में सेवानिवृत्त होने के बाद यह ब्यूरो भी लगभग बंद ही हो गया। मार्च 2019 में शुरू हुए राज्य आग्नेयास्त्र ब्यूरो द्वारा अब तक एक भी हथियार नष्ट नहीं किए गए हैं।
राज्य के विभिन्न थानों में जब्त अवैध हथियारों को नष्ट करने में जिले भी अब रुचि नहीं ले रहे हैं। अवैध हथियारों को नष्ट करना तो दूर, उसकी सूची भी देने में जिले गंभीर नहीं हैं। सूचना है कि अब तक 15 जिलों ने अवैध हथियारों की सूची तक नहीं दी। सिर्फ दो रेल जिला सहित 11 जिलों के अवैध हथियारों का ब्योरा ही राज्य आग्नेयास्त्र ब्यूरो तक पहुंचा है।
सीआइडी मुख्यालय में संचालित राज्य आग्नेयास्त्र ब्यूरो में नष्ट के लिए जाने वाली हथियारों पर मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में एक नंबर की खुदाई होगी। फोटोग्राफी के बाद उक्त हथियार को एचईसी या बोकारो स्टील प्लाट में भेजा जाएगा, जहा उसे फर्नेस ब्लास्ट में गलाकर नष्ट किया जाएगा।
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हथियारों के दुरुपयोग की शिकायत पर हाई कोर्ट ने दिया था आदेश :
वर्ष 2018 में जब्त हथियारों के दुरुपयोग का मामला सामने आया था। हाई कोर्ट में एक अपील की सुनवाई के बाद न्यायमूíत जस्टिस केपी देव ने इसे पकड़ा था। इसके बाद हाई कोर्ट के आदेश पर ही अवैध हथियारों के निष्पादन के लिए मार्च 2019 में राज्य आग्नेयास्त्र ब्यूरो की स्थापना की गई थी। सीआइडी के तत्कालीन आइजी (संगठित अपराध) रंजीत प्रसाद ब्यूरो के अध्यक्ष थे। वे दिसंबर 2019 में सेवानिवृत्त हो गए थे, तब से ब्यूरो बंद है।
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एक-एक केस व विभाग का बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं नए एडीजी :
सीआइडी के नए एडीजी अनिल पाल्टा एक-एक केस व सीआइडी के अधीन संचालित विभागों का बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं। कहां क्या सुधार की जरूरत है, उस दिशा में भी त्वरित पहल कर रहे हैं। उनके संज्ञान में भी फायर आर्म ब्यूरो की निष्क्रियता का मामला सामने आया है। वे इस दिशा में भी शीघ्र ही बड़ा निर्णय लेने जा रहे हैं।
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किस जिले से कितने अवैध हथियारों की सूची भेजी गई :
जमशेदपुर (81), देवघर (08), गिरिडीह (31), रेल जमशेदपुर (40), गढ़वा (01), जामताड़ा (33), साहिबगंज (16), रेल धनबाद (40), गुमला (06), बोकारो (12) व पश्चिमी सिंहभूम (19)।
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हथियार नष्ट करने का क्या है प्रावधान :
जिला आग्नेयास्त्र ब्यूरो अवैध हथियारों का प्रस्ताव सीआइडी में संचालित राज्य आग्नेयास्त्र ब्यूरो को भेजेगा। प्रस्ताव को लेकर प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी व पदाधिकारी राज्य आग्नेयास्त्र ब्यूरो जाएंगे। इसके बाद उक्त अवैध हथियार पर राज्य आग्नेयास्त्र ब्यूरो को खुदाई कर एक मार्का देगा। फोटोग्राफी होगी और उससे संबंधित कागजात तैयार किया जाएगा। इसके बाद उक्त हथियार को मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में राज्य फायर आर्म ब्यूरो एचईसी या बोकारो स्टील प्लाट को भेजेगा, जहा उसे फर्नेस ब्लास्ट में डालकर गलाया जाएगा। ये कारखाने दंडाधिकारी के सामने उक्त हथियार को नष्ट करेंगे और इसका प्रमाणपत्र भी देंगे।