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राज्यपाल से मिले अर्जुन मुंडा, आदिवासियों के विकास पर की चर्चा

जनजातीय समुदाय के विकास पर 28 को राष्ट्रपति करेंगे बैठक रांची राब्यू केंद्रीय जनजातीय मामल

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Aug 2019 07:33 AM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 07:33 AM (IST)
राज्यपाल से मिले अर्जुन मुंडा, आदिवासियों के विकास पर की चर्चा
राज्यपाल से मिले अर्जुन मुंडा, आदिवासियों के विकास पर की चर्चा

जनजातीय समुदाय के विकास पर 28 को राष्ट्रपति करेंगे बैठक

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रांची, राब्यू : केंद्रीय जनजातीय मामले के मंत्री अर्जुन मुंडा ने शुक्रवार को देर शाम राजभवन में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इस क्रम में उन्होंने राज्यपाल के साथ राज्य के अलावा देश के जनजातीय समुदाय के विकास के मुद्दों पर चर्चा की।

उन्होंने आदिवासियों के सामाजिक और आर्थिक विकास के विभिन्न पहलुओं तथा राज्य में संचालित विभिन्न योजनाओं की इनपर पड़नेवाले प्रभाव पर चर्चा की। दरअसल, 27 अगस्त को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राजभवन में जनजाति समाज के विकास के मुद्दों पर बैठक बुलाई है। इसमें राज्यपाल के अलावा केंद्रीय मंत्री भी उपस्थित रहेंगे।

इसी संदर्भ में केंद्रीय मंत्री ने राज्यपाल के साथ बैठक की। बताया जाता है कि इस दौरान राज्यपाल ने पिछले दिनों अपने चार दिवसीय संताल परगना के दौरे की भी चर्चा की। इस दौरे पर राज्यपाल ने कई आवासीय स्कूलों, अस्पतालों का निरीक्षण किया था।

कई योजनाओं के बावजूद आदिवासी आज भी हैं पिछड़े : राज्यपाल

रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि देश के हर हिस्से में पाए जाने वाले विभिन्न आदिवासि समुदायों में विविधताओं के बावजूद सबसे बड़ी समानता यह है कि वे प्रकृति के प्रेमी होते हैं और उसकी पूजा करते हैं। आदिवासियों के उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, इसके बावजूद इस समाज के लोग आज भी पिछड़े हैं यह चिंता का विषय है। अब समय आ गया है कि हम तेजी से आगे बढ़ें। योजनाओं का लाभ उठाएं। वह शुक्रवार को तीन दिवसीय राष्ट्रीय जनजातीय अखरा 2019 के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहीं थी। कार्यक्रम का आयोजन डॉ. रामदयाल मुंडा शोध संस्थान मोरहाबादी में किया गया है।

राज्यपाल ने कहा कि आदिवासियों के पूर्वज ज्ञानी थे, जड़ी-बूटी के अच्छे जानकार थे। इसलिए संस्कृति का आदान-प्रदान जरूरी है। आदिवासी संस्कृति बहुत ही मजबूत है। इसका संरक्षण जरूरी है। कार्यक्रम में उत्तर पूर्वी राज्यों के अलावा कई राज्यों के साहित्यकार भाग ले रहे हैं। पहली बार अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से राष्ट्रीय जनजातीय अखरा कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।

इस अवसर पर रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रमेश पांडेय ने रांची विवि में फिल्म विभाग खोलने की बात कही। जिसमें ट्रायल फिल्म को फोकस किया जाएगा। तीन दिनों के कार्यक्रम में आदिवासी साहित्य, नृत्य, फिल्म, कला पर चर्चा की जाएगी। मौके पर कुलपति डॉ. सत्यनारायण मुंडा, डॉ. रमेश शरण, प्रति कुलपति डॉ. कामिनी कुमार, प्रो. अमिता मुंडा, रणेंद्र कुमार आदि उपस्थित थे।


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