धर्म स्वतंत्र व भूअर्जन संशोधन विधेयक पर राज्यपाल की स्वीकृति
झारखंड में धर्म स्वतंत्र व भूअर्जन संशोधन विधेयक पर राज्यपाल ने स्वीकृति प्रदान कर दी है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने दो चर्चित विधेयकों पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। इनमें झारखंड धर्म स्वतंत्र विधेयक, 2017 तथा भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता का अधिकार संशोधन विधेयक, 2017 शामिल हैं।
अब दोनों विधेयकों को निर्धारित प्रक्रिया के तहत राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। इसे विधानसभा के मानसून सत्र में ध्वनिमत से पारित कर राजभवन की स्वीकृति के लिए भेजा गया था।
झारखंड धर्म स्वतंत्र विधेयक, 2017 के तहत झारखंड में अब किसी भी व्यक्ति को बलपूर्वक अथवा प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराना गैर जमानती अपराध होगा। ऐसे मामलों में तीन वर्षो तक की जेल तथा 50 हजार रुपये का जुर्माना हो सकेगा। अगर धर्म परिवर्तन किसी नाबालिग, महिला, अनुसूचित जाति अथवा अनुसूचित जनजाति के सदस्यों का किया गया हो तो चार वर्षो की जेल तथा एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकेगा।
यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन की इच्छा रखता है तो उसे उपायुक्त से सहमति लेनी होगी। ऐसा नहीं करने पर उसे एक वर्ष तक की जेल या पांच हजार रुपये का जुर्माना अथवा दोनों सजा हो सकती है।
वहीं भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता का अधिकार संशोधन विधेयक, 2017 के तहत जहां विकास योजनाओं के सामाजिक प्रभावों के मूल्यांकन की बाध्यता खत्म हो जाएगी, वहीं कुछ खास उद्देश्यों से ही जमीन का अधिग्रहण हो सकेगा। भू अधिग्रहण की सारी प्रक्रिया ग्रामसभा के माध्यम से संचालित होगी।
इनके लिए अधिग्रहीत हो सकेगी जमीन
भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के बाद सिर्फ विद्यालय, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, अस्पताल, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, रेल, सड़क, जलमार्ग, विद्युतीकरण, सिंचाई, जलापूर्ति पाइपलाइन, टांसमिशन लाइन तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो के लिए बनाई जानेवाली आवासीय इकाइयों के निर्माण के लिए सरकार जमीन का अधिग्रहण कर सकेगी।
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