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668 हेडमास्टरों की नियुक्ति में फंसा पेच, 15 महीने बाद अब नियमावली की फांस

झारखंड लोक सेवा आयोग ने पंद्रह महीने पूर्व ही हेडमास्‍टरों की नियुक्ति के लिए आवेदन मंगाए थे।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 25 Oct 2018 01:28 PM (IST)Updated: Thu, 25 Oct 2018 01:28 PM (IST)
668 हेडमास्टरों की नियुक्ति में फंसा पेच, 15 महीने बाद अब नियमावली की फांस
668 हेडमास्टरों की नियुक्ति में फंसा पेच, 15 महीने बाद अब नियमावली की फांस

रांची, नीरज अम्बष्ठ। राज्य के अपग्रेडेड हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के 668 पदों पर होनेवाली नियुक्ति जहां पंद्रह माह से लटकी हुई है, वहीं इसमें अब अनुभव को लेकर पेच फंस गया है। इन पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन मंगा लेने के बावजूद जहां इसकी परीक्षा लटकी हुई है, वहीं इसमें नियमावली में संशोधन भी करना पड़ सकता है।

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झारखंड लोक सेवा आयोग ने इन पदों पर नियुक्ति में 'अनुभव' को लेकर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से मार्गदर्शन मांगा है। दरअसल संबंधित नियमावली में इन पदों पर नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों के पास आवश्यक अन्य योग्यता के अलावा 'माध्यमिक स्कूलों' में पढ़ाने का न्यूनतम दस साल (एससी, एसटी व महिला के लिए सात साल) का अनुभव अनिवार्य किया गया है।

सरकारी माध्यमिक स्कूलों के संबंध में तो स्थिति स्पष्ट है, लेकिन प्राइवेट स्कूलों में प्राथमिक या माध्यमिक का स्पष्ट वर्गीकरण नहीं होता। ऐसी स्थिति में प्राइवेट स्कूलों में प्राइमरी कक्षाओं में पढ़ानेवाले शिक्षक इसके लिए पात्र होंगे या नहीं इसे लेकर नियमावली में स्पष्ट नहीं किया गया है। जेपीएससी ने जब अभ्यर्थियों से आवेदन मंगाए तो कई ऐसे अभ्यर्थियों ने भी आवेदन दिए।

अब आयोग इसे लेकर संशय की स्थिति में है कि इन अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल कराया जा सकता है या नहीं। सूत्रों की मानें तो जेपीएससी से इस संबंध में दिशानिर्देश मांगे जाने पर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग भी नियमावली में अस्पष्टता को स्वीकार कर रहा है। स्थिति को स्पष्ट करने के लिए नियमावली में संशोधन करना पड़ सकता है।

परीक्षा का सिलेबस भी तैयार नहीं : इस प्रतियोगिता परीक्षा के लिए सिलेबस भी अभी तक तैयार नहीं हुआ है। आयोग इसे अंतिम रूप दे रहा है। इसके बाद इसे अभ्यर्थियों के लिए सार्वजनिक किया जाएगा। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने जिस नियुक्ति नियमावली के प्रावधानों के तहत नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की अनुशंसा की थी। उसमें परीक्षा का पैटर्न तो निर्धारित था लेकिन उसमें सिलेबस शामिल नहीं था। इसके बाद विभाग ने आयोग को अपनी ओर से सिलेबस तैयार करने को कहा।

1,336 स्कूलों में नहीं है प्रधानाध्यापक : राज्य के 1,336 उत्क्रमित हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापक नहीं हैं। पहली बार इन स्कूलों में ये पद भरे जाने हैं। इनमें से आधे अर्थात 638 पदों पर सीधी नियुक्ति जेपीएससी से होनी है, जबकि इतने ही पद सहायक शिक्षकों की प्रोन्नति से भरे जाएंगे। विभाग अभी प्रोन्नति की प्रक्रिया भी पूरी नहीं कर सका है।

कब क्या हुआ? - स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इन पदों पर नियुक्ति के लिए अनुशंसा नवंबर 2016 में ही जेपीएससी को भेजी। - इसके लगभग सात माह बाद जेपीएससी ने पिछले साल जुलाई में अभ्यर्थियों से आवेदन मंगाए।


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