IAS Pooja Singhal: 'एप्पल' खोलेगा आइएएस पूजा सिंघल का राज... फेस टाइम खंगालेगा ईडी... कई चेहरे होंगे बेनकाब
IAS Pooja Singhal निलंबित आइएएस पूजा सिंघल पर शिकंजा कसता जा रहा है। ईडी ने एप्पल से संपर्क कर डिटेल लेने की कवायद शुरू कर दी है। कई मोबाइल जब्त किए गए हैं। फर्जी ईमेल आइडी के उपयोग की बात सामने आ रही है।
रांची, (प्रदीप सिंह)। भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तारी के बाद निलंबित भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी पूजा सिंघल के पूरे सिंडिकेट की परत-दर-परत खुल रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी के क्रम में कई सेलफोन जब्त किए हैं, जिसके जरिए किए गए काल से भी खुलासा हो रहा है। ईडी को एप्पल के भी कई सेलफोन मिले हैं, जिसके काल डिटेल निकालना चुनौती भरा है। इसमें पूजा सिंघल और उनके पति एवं सीए सुमन कुमार सिंह का सेलफोन भी शामिल है।
कैलिफोर्निया स्थित मुख्यालय से संपर्क करने की संभावना
ईडी इसके लिए एप्पल के कैलिफोर्निया (संयुक्त राष्ट्र अमेरिका) स्थित मुख्यालय से संपर्क कर सकता है। बताया जाता है कि फेस टाइम के जरिए राज्य समेत देश और विदेश के कई नंबरों पर बातें हुई है। फेस टाइम एपल का वीडियो और आडियो चैटिंग प्लेटफार्म है जो आईफोन यूजर्स को वीडियो या आडियो फीचर के जरिए एक दूसरे से संवाद करने की सुविधा देता है। ईमेल के उपयोग से आईपैड, आईपाड टच से भी फेस टाइम का उपयोग किया जा सकता है।
मोबाइल नंबरों की पड़ताल कर रहा ईडी
ईडी नंबरों की पड़ताल कर रहा है, लेकिन फर्जी ईमेल आइडी की वजह से इसमें परेशानी आ रही है। ईडी एप्पल से वित्तीय भ्रष्टाचार संबंधी मामले का हवाला देकर बातचीत का ब्योरा लेने की कोशिश करेगा। डेटा मिलने से भ्रष्टाचारियों के सिंडिकेट को ध्वस्त करने में मदद मिलेगी। एप्पल के उपकरणों की खासियत है कि इसकी सुरक्षा में सेंधमारी नहीं की जा सकती। यह अति सुरक्षित उपकरण है। यही वजह है कि भ्रष्ट नौकरशाहों, राजनेताओं और दलालों का नेटवर्क इसके जरिए संपर्क स्थापित करता है।
डीएमओ के साथ भी बातचीत का ब्योरा
ईडी ने घोटाले के संदर्भ में जिला खनन पदाधिकारियों को तलब किया है। दो जिले पाकुड़ और दुमका के खनन पदाधिकारियों से पूछताछ की जा चुकी है, जिसमें चौकाने वाला खुलासा हुआ है। आरंभिक बातचीत में पदाधिकारियों ने इस बात से इन्कार किया कि कोई अनियमितता हो रही है। जब अधिकारियों ने बताया कि उनके पास इससे संबंधित साक्ष्य हैं तो खनन पदाधिकारियों ने मुंह खोला। बताया कि मुख्यालय से मिले निर्देश के मुताबिक वसूली होती थी। इसमें निलंबित खान सचिव की भी सहभागिता थी। नकदी कई माध्यमों से पहुंचाया जाता था। बताया जाता है कि एक जिले से रोजाना एक करोड़ की अवैध वसूली थी। अवैध खनन से लेकर उसके सुरक्षित परिवहन में सहभागिता होती थी। इसके बदले तमाम स्तरों पर लोगों को उपकृत किया जाता था।