झारखंड में सजा पूरी करने वालों की अपील याचिकाएं होंगी चिह्नित Ranchi News
Jharkhand High court. 20 अधिवक्ताओं की टीम पूरी जानकारी एकत्र करेगी। हाई कोर्ट के आदेश के बाद महाधिवक्ता ने सरकार को लिखा पत्र।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट ने लंबित आपराधिक अपील याचिकाओं के मामले में महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है। जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने ऐसी आपराधिक अपील याचिकाओं को चिह्नित करने का निर्देश दिया है, जिसके अपीलार्थी की मौत हो गई है या फिर अपनी सजा पूरी कर वह रिहा हो गया है। अदालत ने इसके लिए हाई कोर्ट के 20 अधिवक्ताओं की एक टीम बनाने का निर्देश दिया है, जो प्रतिदिन ऐसे बीस मामलों को चिह्नित करेंगे और इसकी जानकारी अदालत को देंगे।
इसके लिए उन्हें प्रतिदिन दो हजार रुपये मानदेय भी दिया जाएगा। अदालत ने सारी प्रक्रिया मार्च 2020 तक पूरा करने का निर्देश दिया है। ताकि मामलों का त्वरित निष्पादन किया जा सके। हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अधिवक्ताओं का चयन करेंगे। दरअसल, हाई कोर्ट में 21 हजार आपराधिक अपील याचिका सुनवाई के लिए लंबित हैैं। इसमें नब्बे के दशक के मामले भी हैैं।
इतनी बड़ी संख्या में अपील का लंबित होना भी एक समस्या है। पुराने मामले होने की वजह से अपीलार्थी और सरकार की ओर से अधिवक्ता अदालत में पेश नहीं होते हैैं। इस कारण अदालत का समय बर्बाद होता है। कई मामलों की सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि बड़ी संख्या में ऐसे मामले लंबित हैैं, जिनमें या तो अपीलार्थी की मौत हो गई है या फिर वो सजा काट कर बाहर आ चुका है। इसके बाद अदालत ने एक विस्तृत आदेश पारित किया है।
महाधिवक्ता ने सीएस को लिखा पत्र
हाई कोर्ट के आदेश के बाद महाधिवक्ता अजीत कुमार ने मुख्य सचिव और गृह सचिव को एक पत्र लिखकर आदेश की जानकारी दी है। पत्र में कहा गया है कि अदालत का आदेश स्टेट लिटिगेशन पॉलिसी के उद्देश्यों को पूरा करता है। महाधिवक्ता ने राज्य सरकार को मंतव्य देते हुए कहा है कि सरकार को आदेश के अनुपालन करने एवं व्यवस्था के अनुरूप सहयोग करने की आवश्यकता है, ताकि लंबित मामलों का निष्पादन किया जा सके।