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भाजपा सांसद अन्‍नपूर्णा देवी का हेमंत सरकार पर हमला, झारखंड में असुरक्षित हैं महिलाएं; Law And Order पर उठाया सवाल

Annapurna Devi BJP MP Koderma कोडरमा की भाजपा सांसद अन्‍नपूर्णा देवी ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर कड़ा हमला किया है। उन्‍होंने कहा कि प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर ध्‍वस्‍त हो गया है। दुष्‍कर्म की घटनाएं महिलाओं को असुरक्षा का बोध करा रही हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 04 Jan 2021 08:28 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jan 2021 09:08 PM (IST)
भाजपा सांसद अन्‍नपूर्णा देवी का हेमंत सरकार पर हमला, झारखंड में असुरक्षित हैं महिलाएं; Law And Order पर उठाया सवाल
Annapurna Devi BJP MP Koderma भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी।

रांची, राज्य ब्यूरो। Annapurna Devi BJP MP Koderma भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी ने ओरमांझी में एक लड़की के साथ हुई घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि झारखंड में महिलाएं असुरक्षित हैं। विधि व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। आए दिन दुष्कर्म की घटनाएं सामने आ रही हैं और सरकार कान में तेल डालकर सोई हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में लगभग डेढ़ हजार दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई कड़ा कदम नही उठाया गया है। उन्होंने कहा कि ओरमांझी में बच्ची के साथ जिस तरह से दरिंदगी के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना को अंजाम दिया गया है वह हृदयविदारक है। अबतक अपराधियों को नहीं पकड़ा गया है। उन्होंने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।

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भाजपा सरकार की उपलब्धियों को नाम बदलकर अपनी उपलब्धि बता रही राज्य सरकार

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य सरकार की उपलब्धियों को सिरे से खारिज किया है। सोमवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की नाकामियों को सिलसिलेवार गिनाया। यह भी कहा कि वर्तमान सरकार सिर्फ हमारे बनाए गए भवनों का नाम बदल रही है। इस मौके पर उन्होंने पूर्व की सरकार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में हासिल की गई उपलब्धियों को भी मीडिया से साझा किया।

रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि मौजूदा हेमंत सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक भी कार्य नहीं कर सकी। वर्ष 2020-21 में राज्य सरकार की अकर्मण्यता के कारण समय पर नेशनल मेडिकल काउंसिल के निर्देशों का पालन नही करने के कारण दुमका, हजारीबाग, पलामू में स्थापित नए मेडिकल कॉलेजों में इस सत्र में झारखंड में नामांकन नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा कोरोना काल मे जो राशि उपलब्ध कराई गई, उसे राज्य सरकार व्यय नहीं कर सकी। कोरोनाकाल में केंद्र की ओर से 2000 करोड़ दिया गए, किन्तु उसका उपयोग राज्य सरकार नहीं कर सकी।

उन्होंने कहा कि रिनपास में प्रभारी निदेशक हैं, पूर्ण रूप से स्थायी निदेशक के लिए 22 अक्टूबर 2019 को इंटरव्यू लिया गया था, लेकिन बहाली अभी तक नहीं की गई। रिनपास के द्वारा कोरोना संक्रमण के दौरान हर जिले में दवा वितरण करना चाहिए था, परंतु एक जगह भी नही किया गया। कहा, भाजपा सरकार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास के जो कार्य हुए थे, उसे वहीं छोड़ दिया गया। पिछले एक साल में स्वास्थ्य विभाग में कोई प्रगति नहीं हुई। इस मौके पर प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा, प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक भी उपस्थित थे।

20 करोड़ के उपकरण 45 करोड़ में खरीदने वाले नसीहत ना दें : कांग्रेस

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी की ओर से वर्तमान सरकार पर लगाए गए आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि भाजपा और उसके पूर्व मंत्रीगण राज्य की जनता के द्वारा विगत विधानसभा चुनाव में नकारे जाने को पचा नहीं पा रहे हैं। यही कारण है कि कोरोना संक्रमण के दौरान जनता के बीच जाने से परहेज कर सरकार को बदनाम करने के लिए चि_ी लिखने का ढोंग करते रहे। विगत भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान स्वास्थ्य विभाग में वित्तीय अनियमितता एवं घोटालों को गिनाना चन्द्रवंशी शायद भूल गए।

संवेदनशील गठबंधन की सरकार की लगातार कोशिश की वजह से ही कोरोना संकट से निपटने में राज्य ने कामयाबी हासिल की है। यही कारण है कि आज कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 98 फीसद तक  पहुंच गई है। जहां तक चन्द्रवंशी की उपलब्धि की बात है, उनके कार्यकाल के दौरान कुपोषण से झारखंड के नौनिहालों, (बच्चों) की मौतों का प्रतिशत बढ़ा था, लोगों को सड़कों पर उतरना पड़ा था। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार 47.8 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हुआ करते थे। रघुवर सरकार के कार्यकाल के दौरान प्रदेश के विभिन्न जिलों में सैकड़ों बच्चों की मौत उनकी उपलब्धि रही।

राजीव रंजन ने कहा कि प्रदेश की जनता ने 1.33 करोड़ रुपये से संबंधित दवा खरीद घोटाला को अभी तक भुलाया नहीं है। लोग भूले नहीं हैं कि 50 रुपये के कारण रिम्स में बच्चे का इलाज नहीं हो पाया था, लेकिन वित्तीय अनियमितता करते हुए 29.98 लाख के उपकरण (इंसिनेटर) की खरीद हुई जो बेकार पड़े रहे। रिम्स रांची तथा पीएमसीएच धनबाद में मेडिकल उपकरणों की खरीद का मामला बाजार दर से अधिक दर पर और 20 करोड़ के उपकरण 45 करोड़ में खरीदे गए थे।


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