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रांची में करोड़ों लेकर भागी कंपनी, पीडि़तों ने ऑफिस लूट कर वसूला सूद VIDEO

Jharkhand. रांची मेन रोड में स्मोक मल्टीप्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने डाटा एंट्री के नाम पर यहां लोगों से करोड़ों रुपये की वसूली की थी।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 11:15 AM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 10:27 PM (IST)
रांची में करोड़ों लेकर भागी कंपनी, पीडि़तों ने ऑफिस लूट कर वसूला सूद VIDEO
रांची में करोड़ों लेकर भागी कंपनी, पीडि़तों ने ऑफिस लूट कर वसूला सूद VIDEO

रांची, जेएनएन। रांची, जासं। रांची का मेन रोड। एवीएन ग्रांड होटल के सामने एक निजी कंपनी का कार्यालय। सुबह आसपास इक्का-दुक्का दुकानें ही खुलीं थीं। लेकिन कंपनी के कार्यालय में अफरातफरी की स्थिति थी। लूट मची थी। जिसे जो मिल रहा था लूट रहा था। कोई कंप्यूटर तो कोई टेबल, कोई पंखा तो कोई अलमारी लेकर जा रहा था। कोई रिक्शे से, तो कोई ऑटो से सामान ले जा रहा था। स्कूटी थी तो उस पर सामान ले गए। कई तो भारी-भरकम सामान को घसीटकर अपने साथ ले गए। भारी-भरकम कुर्सी भी सिर पर उठाए ले जा रहे थे। यह नजारा था जिसे देखकर पहली बार में तो कुछ समझ में नहीं आया। फिर खुलासा हुआ कि कंपनी करोड़ों लेकर भाग गई है। लोगों के पैसे डूब गए हैैं इसलिए वसूली करने के लिए कंपनी के सामान को ले जा रहे हैैं।

दरअसल, शहर के बीचों-बीच ठगी का खेल चल रहा था। डाटा एंट्री के नाम पर पांच हजार से अधिक बेरोजगारों को ठगी का शिकार बनाया गया। स्मोक मल्टीप्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी लोगों का पैसा लेकर चंपत हो गई। इसे लेकर ही बवाल हुआ। बवाल ऐसा कि पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज भी किया। आक्रोशित छात्रों ने कंपनी के कार्यालय में तोडफ़ोड़ भी की। वहां रखे सारे सामान लूट लिए।
कंस्ट्रक्शन के सामान भी लूट लिए
कंपनी का कार्यालय भाजपा नेता सुनील शर्मा के परिसर में चल रहा था। यहां सुनील शर्मा के निर्माणाधीन मकान में छड़, स्टील की चादरें और कंस्ट्रक्शन के सामान रखे थे। छात्रों का आक्रोश फूटा तो वे छड़ सहित कंस्ट्रक्शन का सामान भी ले गए।

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कैसे भड़का आक्रोश
मंगलवार को स्मोक कंपनी के ब्रांच मैनेजर कुमार शानू उर्फ अंकित के फरार होने की सूचना मिली। जानकारी मिलते ही सैकड़ों छात्र व घरेलू महिलाएं जुट गईं। इसके बाद कंपनी के कार्यालय को लूटना शुरू कर दिया। पुलिस के रोकने पर हंगामा हो गया। जिसे जो मौका मिला अपना ठगा गया पैसा वसूलने के लिए लूट लिया। पुलिस मूकदर्शक बनी रही। छात्रों का कहना था कि मामले की शिकायत पहले ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। हालांकि पुलिस का कहना है कि छात्रों की ओर से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई थी।
शटर खुलते ही टूट पड़े छात्र, मची भगदड़
मामला गंभीर होने पर कोतवाली डीएसपी अजीज कुमार विमल पहुंचे। उस समय कंपनी के मुख्य कार्यालय का शटर खोला गया। शटर खुलते ही छात्र कार्यालय लूटने के लिए टूट पड़े। छात्र एक-दूसरे को धक्का देते हुए आगे बढ़ रहे थे। इसबीच पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज के बाद भीड़ तितर-बितर हुई। हालांकि पूरे दिन वहां हंगामा चलता रहा।
हंगामे के बीच हिंदपीढ़ी थानेदार बृज कुमार, कोतवाली थानेदार श्यामानंद मंडल, लोअर बाजार थानेदार सतीश कुमार सहित अन्य पुलिस अधिकारी छात्रों को समझाने में जुटे थे। शाम में कई छात्र जुटकर ङ्क्षहदपीढ़ी थाना पहुंचे और प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया। प्रीति मित्रा के बयान पर कंपनी के संचालक कुमार शानू को नामजद आरोपित बनाया गया है। करीब 300 से अधिक छात्रों ने हस्ताक्षरयुक्त शिकायत पत्र पुलिस को सौंपा है।
तीन महीने के भीतर ही चेन बनाकर फांस लिया बेरोजगारों को
ठग के शिकार बेरोजगारों में अधिकतर कॉलेज के छात्र हैं। पॉकेटमनी निकालने और जल्दी पैसे कमाने की लालच में उन्हें कंपनी ने चेन बनाकर फांस लिया। छात्रों को डाटा एंट्री कर रुपये कमाने का लालच दिया गया। उन्हें बताया गया कि सरकार की कौशल विकास योजना के तहत उनसे डाटा एंट्री करवाया जा रहा है। महज तीन महीन के भीतर रांची के ङ्क्षहदपीढ़ी, डोरंडा, सुखदेव नगर, बरियातू, बूटी मोड़, कोकर, कांके, हटिया, नामकुम सहित बाहर से रांची आकर रहने वाले करीब चार से पांज हजार छात्रों को फंसाकर रुपये ऐंठ लिया। इसके बाद कंपनी चंपत हो गई।

ऐसे बनाया जाता था शिकार

  • ठगी के शिकार छात्रों के अनुसार उन्हें तीन कैटेगरी में ज्वाइनिंग दी जाती थी।
  • ज्वाइनिंग के साथ ही छात्रों से तीन कैटेगरी में 1950, 2000 और 4000 रुपये लिए जाते थे। उन्हें महीने के 12 हजार से 20 हजार रुपये कमाने का सब्जबाग दिखाया गया।
  • कंपनी से जुडऩे के बाद किसी दूसरे को लाकर ज्वाइनिंग कराने पर पांच सौ रुपये कमीशन मिलते थे।
  • ज्वाइनिंग करने वालों को एक प्रिंटेड कॉपी के साथ 150 पेज का फॉर्म दिया जाता था जिसे भरकर एक सप्ताह के भीतर जमा करना होता था।
  • इसे जमा करने पर हर सप्ताह तीन से पांच हजार रुपये देने का वादा किया गया था।
  • कई छात्रों को इसे भरने के एवज में उन्हें झांसे में लेने के लिए रुपये भी दिया गया है, इससे छात्र फंसते चले गए।

कार्यालय में रखे थे दो दर्जन से ज्यादा स्टाफ
कार्यालय में दो दर्जन से ज्यादा स्टाफ रखे गए थे। सभी स्टाफ छात्रों को ज्वाइनिंग के लिए काउंसिलिंग करते थे। उन्हें पूरा सिस्टम समझाया जाता था। किसी का काम रजिस्ट्रेशन करना, किसी का काउंसिलिंग, किसी का रजिस्टर एंट्री तो किसी को आने वाले छात्रों को चाय-पानी देने का काम दिया गया था। हालांकि किसी भी स्टाफ को यह नहीं बताया गया था कि डाटा एंट्री के लिए मांगे जाने वाले कागजों का काम क्या है।
कुख्यात अनिल शर्मा के नाम पर लेकर डराता, रखता था बाउंसर
ब्रांच मैनेजर कुमार शानू उर्फ अंकित के पास जो भी मामले की जानकारी लेने पहुंचता था या अपने पैसे लौटाने की बात कहता था, उन्हें कुख्यात गैंगस्टर अनिल शर्मा के नाम पर डराता था। वह कहता था कि अनिल शर्मा का वह भाई है। अपने साथ दो बाउंसर रखे थे। कोई ऊंची आवाज में बात करता तो, बाउंसरों से बाहर करवा देता था।
बताया जाता है कि रांची के अलावा हजारीबाग और कोडरमा में भी स्मोक मल्टीप्रोजेक्टर प्राइवेट लिमिटेड की ब्रांच चल रही है।
रांची के लालपुर व रातू रोड में भी कार्यालय चल रहा है। शर्मा लेन स्थित कार्यालय के ब्रांच मैनेजर के भागने के बाद पुलिस अन्य कार्यालयों का भी पता लगा रही है। छात्रों ने पुलिस के सामने किराया पर देने वाले मकान मालिक की भूमिका भी जांच की मांग की है। कहा है कि बिना सत्यापन फ्रॉड कंपनी को कैसे जगह दे दी गई। कंपनी का कार्यालय पहले एक कमरे पर खुला, फिर धीरे-धीरे कर पांच कमरा ले लिया। सामान रखने के लिए पड़ोस का निर्माणाधीन मकान का भी इस्तेमाल किया।
सबकुछ था भाड़े पर
कंपनी के संचालक की उम्र महज 25 से 26 वर्ष के बीच बताई जाती है। वह शातिर है। सबकुछ भाड़े पर ले रखा था। मेन रोड के रियाडा भवन स्थित नेशनल कंप्यूटर से दस कंप्यूटर भाड़े पर ले रखा था। जिसके एवज में प्रति कंप्यूटर एक हजार रुपये हर माह मिलता था। इसी तरह फर्नीचर, एसी सहित अन्य सामान भी किश्त पर ले रखा था।
'कंपनी सैकड़ों छात्रों को चूना लगाकर फरार हो गई। इससे पहले किसी भी छात्र ने थाना पहुंचकर मामला दर्ज नहीं कराया। मामला दर्ज कराया होता तो कंपनी पर कार्रवाई होती। हालांकि प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। फर्जीवाड़े में शामिल दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।' -अजीत कुमार विमल, डीएसपी कोतवाली।


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