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एक सप्ताह में काम पर नहीं लौटीं तो हटाई जाएंगी आंगनबाड़ी सेविकाएं Ranchi News

Jharkhand. 16 अगस्त से जारी हड़ताल पर राज्‍य सरकार सख्त। विभागीय सचिव ने उपायुक्तों को पत्र भेजकर उन्हें चयन मुक्त करने का आदेश दिया है। सेविकाएं नहीं लौटीं तो नई बहाल होंगी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 09:19 PM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 09:19 PM (IST)
एक सप्ताह में काम पर नहीं लौटीं तो हटाई जाएंगी आंगनबाड़ी सेविकाएं Ranchi News
एक सप्ताह में काम पर नहीं लौटीं तो हटाई जाएंगी आंगनबाड़ी सेविकाएं Ranchi News

रांची, राज्य ब्यूरो। 16 अगस्त से बेमियादी हड़ताल और पिछले कुछ दिनों से भूख हड़ताल पर डटी हजारों सेविकाओं के लिए बुरी खबर है। हड़ताल की वजह से ठप पड़ी आंगनबाड़ी केंद्रों की गतिविधियों को देखते हुए सरकार ने सख्त कदम उठाया है। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव डॉ. अमिताभ कौशल ने सेविकाओं को एक सप्ताह के अंदर अपने कार्य पर लौटने की मोहलत दी है। ऐसा नहीं करने पर उन्हें चयन मुक्त करने का आदेश उपायुक्तों को दिया है।

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उपायुक्तों को भेजे गए पत्र के माध्यम से सचिव ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा आंगनबाड़ी कर्मियों की सेवा आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई है। उनके अतिरिक्त मानदेय के संबंध में निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करने का आदेश दिया है। कमेटी के रिपोर्ट के आलोक में राज्य सरकार अतिरिक्त मानदेय के निर्धारण पर निर्णय लेगी।

सेविकाओं-सहायिकाओं को भारत सरकार की प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से जोड़े जाने का निर्देश दिया गया है। इतना ही नहीं राज्य सरकार आंगनबाड़ी कर्मियों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा समर्पित विभिन्न मांगों पर गंभीरता से विचार कर रही है। इसके बावजूद बेवजह हड़ताल जारी रखी गई है।

इधर आर-पार की लड़ाई का संकल्प

सरकार के सख्त आदेश के बावजूद आंगनबाड़ी सेविकाएं-सहायिकाएं अपने निर्णय से टस से मस होती नहीं दिख रही हैं। झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन के बैनर तले आंदोलनरत सैकड़ों की तादाद में सेविकाएं राजभवन के समीप डटी हैं। यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष बाल मुकुंद सिन्हा के अनुसार 20 सितंबर को पूरे राज्य की सेविकाओं- सहायिकाओं का जुटान होगा। उस दिन आंदोलन की आगे की रणनीति तय होगी।

झामुमो के बाद अब कांग्रेस का भी साथ

पिछले दिनों नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन और रांची विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की पूर्व प्रत्याशी रहीं महुआ माजी ने सेविकाओं-सहायिकाओं से भेंट कर उनके आंदोलन को समर्थन देने का वादा किया था। इसी कड़ी में प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष रामेश्वर उरांव भी मंगलवार को धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकार महिला सशक्तीकरण का दिखावा कर रही है। जरूरत पड़ी तो वे भी धरना पर बैठेंगे। इधर यूनियन ने सभी विपक्षी दलों को पत्र भेज कर आंदोलन में उनका साथ मांगा है।


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