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मार्च में एक वेतन वृद्धि रोका, कुछ माह बाद ही अधीक्षण अभियंता के पद पर दी प्रोन्नति

रांची झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में दोषी पदाधिकारी को प्रोन्नति देने का मामला चर्चा में है। विभाग के धनबाद प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता हरेंद्र कुमार मिश्र पर वित्तीय वर्ष 2017-18 में अपने पदीय शक्ति का दुरुपयोग कर निविदा में अनियमितता की पुष्टि के बाद विभाग ने उनकी एक वेतन वृद्धि पर रोक जरूर लगा दी लेकिन उन्हें कुछ माह के बाद ही कार्यपालक अभियंता से अधीक्षण अभियंता के पद पर प्रोन्नति भी दे दी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 07:24 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 07:24 PM (IST)
मार्च में एक वेतन वृद्धि रोका, कुछ माह बाद ही अधीक्षण अभियंता के पद पर दी प्रोन्नति
मार्च में एक वेतन वृद्धि रोका, कुछ माह बाद ही अधीक्षण अभियंता के पद पर दी प्रोन्नति

रांची : झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में दोषी पदाधिकारी को प्रोन्नति देने का मामला चर्चा में है। विभाग के धनबाद प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता हरेंद्र कुमार मिश्र पर वित्तीय वर्ष 2017-18 में अपने पदीय शक्ति का दुरुपयोग कर निविदा में अनियमितता की पुष्टि के बाद विभाग ने उनकी एक वेतन वृद्धि पर रोक जरूर लगा दी, लेकिन उन्हें कुछ माह के बाद ही कार्यपालक अभियंता से अधीक्षण अभियंता के पद पर प्रोन्नति भी दे दी। इसे नियम विरुद्ध बताया जा रहा है, क्योंकि तत्कालीन कार्यपालक अभियंता को 30 जून 2021 तक वेतन वृद्ध पर रोक है।

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तत्कालीन कार्यपालक अभियंता हरेंद्र कुमार मिश्र पर विभागीय कार्रवाई के बाद जिस झारखंड सरकारी सेवक नियमावली 2016 के तहत एक वेतन वृद्धि पर रोक लगाई गई है, उसी नियमावली के खंड-4 में यह लिखा हुआ है कि जितने वर्षों के लिए वेतन वृद्धि रोकी गई है, उस अवधि में प्रोन्नति पर विचार नहीं किया जा सकता है।

पूरा मामला लोकायुक्त कार्यालय के यहां दर्ज एक शिकायत से संबंधित है। धनबाद के पुरुषोत्तम कुमार सिंह नाम के शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त के यहां शिकायत की थी कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के धनबाद प्रमंडल में निविदा प्रक्रिया में नियम विरुद्ध बदलाव किया गया है। जांच में आरोप प्रमाणित होने के बाद तत्कालीन कार्यपालक अभियंता हरेंद्र कमार मिश्र पर विभागीय कार्रवाई हुई थी। अब इस बात की भी शिकायत पहुंची है कि जिस मामले में वेतन वृद्धि रोकने का आदेश हुआ, उसके कुछ दिनों के बाद ही आरोपित कार्यपालक अभियंता को अधीक्षण अभियंता में प्रोन्नति दे दी गई।

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