चार साल का हिसाब देने आया हूं, आप कांग्रेस-झामुमो से भी मांगिए : शाह
एकदिवसीय दौरे पर रांची आए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने केंद्र व राज्य की सरकारों के बेहतर कार्यो की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। उन्होंने पिछली सरकारों पर निशाना साधा और उनसे हिसाब देने की अपेक्षा रखी।
राज्य ब्यूरो, रांची : एकदिवसीय दौरे पर यहां आए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने केंद्र व राज्य सरकार के काम के बल पर व्यापक समर्थन की अपील की। जनजातीय समुदाय के बुद्धिजीवियों को संबोधित करते हुए उन्होंने बीते चार साल के कामकाज का हिसाब दिया।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के बीच कई प्रकार की भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं और यही कारण है कि सभी राज्यों में इस समुदाय से वे सीधे संवाद करते हैं। बताया कि झारखंड को चौदहवें वित्त आयोग ने 1.45 लाख करोड़ रुपये दिए जबकि यूपीए शासनकाल में 13वें वित्त आयोग से महज 55 हजार करोड़ रुपये मिले थे, पहले से सीधे ढाई गुना अधिक। वे चार वर्षो का हिसाब देने आये हैं। मौजूद लोगों से उन्होंने अपील की कि वे कांग्रेस व झामुमो से भी हिसाब मांगे।
आदिवासी बुद्धिजीवियों से सीधा संवाद कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति समाज के बीच विपक्ष ने कई प्रकार की भ्रांतियां फैलाई और इस कारण सीधा संवाद का निर्णय लिया गया।
लोगों को याद दिलाया कि अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति समाज के साथ कांग्रेस ने वादे तो खूब किए लेकिन इसका हश्र क्या हुआ, सभी जानते हैं।
चार वर्ष पहले जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने सेंट्रल हॉल से पहले संबोधन में गरीबों, दलितों और आदिवासियों के हक के लिए काम करने की बात कही थी, वही हो रहा है।
शाह ने कहा कि अफवाह फैलाई गई मोदी सरकार ने एससी/एसटी उत्पीड़न एक्ट को कमजोर किया गया है जबकि असलियत है कि इस एक्ट को मजबूत किया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष झूठ बोल रहे हैं। मैं चर्चा के लिए तैयार हूं।
भाजपा इस वर्ग के सशक्तीकरण, सहभागिता और सम्मान के लिए काम कर रही है। उन्होंने इस दौरान केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम को मुख्यमंत्री रघुवर दास, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा, पूर्व केंद्रीय मंत्री सह सांसद कड़िया मुंडा आदि नेताओं ने संबोधित किया। फिर से मोदी सरकार का संकल्प दिलाया
भाजपा अध्यक्ष ने अंत में कार्यक्रम में मौजूद सभी सदस्यों को अगली बार फिर से मोदी सरकार बनाने का संकल्प दिलाया और सभी ने हाथ उठाकर समर्थन किया। स्वतंत्रता संग्राम नेहरू-गांधी परिवार की बपौती नहीं
अमित शाह ने कहा कि सक्षम लोगों की जगह उन लोगों को सम्मान मिलना अधिक महत्वपूर्ण है जिन्होंने अपना सर्वस्व त्याग कर देश की आजादी के लिए बलिदान दिया है। ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों की केंद्र सरकार ने पहचान की है। स्वतंत्रता संग्राम नेहरू-गांधी परिवार की बपौती नहीं है। इन योजनाओं की जानकारी दी
उज्जवला योजना : पूरे देश में पहली बार गरीबों को सिलेंडर मिल रहा है झारखंड में चूल्हा भी।
बिजली घर-घर पहुंची : आजादी के 70 साल बाद भी देश के 19 हजार गांवों में अभी तक बिजली नहीं पहुंची थी। नरेंद्र मोदी सरकार ने सभी गांवों में बिजली पहुंचा दी। रघुवर सरकार ने प्रण लिया है कि वे घर-घर रोशनी भी पहुंचा देंगे।
टीकाकरण योजना : देशभर में 18000 गरीब बच्चों का टीकाकरण कर दिया। एसटी बिरादरी के 75 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण हो चुका है।
पिछड़े जिलों का विकास : 115 जिलों का विकास योजनाएं शुरू की गई। सबसे ज्यादा जिले वैसे थे जहां अनुसूचित जनजाति की आबादी अधिक थी।
स्वास्थ्य बीमा : 10 करोड़ परिवारों या यूं कहिए कि 50 करोड़ लोगों के स्वास्थ्य का बीमा कराया गया है।
अगस्त-सितंबर महीने में यह योजना प्रभावी होगी।
शौचालय योजना : 7.5 करोड़ लोगों के घर में शौचालय बनाने का काम किया।
जीवन बीमा : 19 करोड़ से अधिक लोगों का बीमा किया गया है। इसके लिए साल में 12 रुपये ही देने पड़ रहे हैं।
डीएमएफटी : 18 हजार करोड़ रुपये का फंड अनुसूचित जनजाति परिवारों के कल्याण के लिए जमा हो चुका है। यह राशि उद्योगपतियों के घरों में जाती थी।
बांस काटने की अनुमति दी : केंद्र ने बांस को घास का दर्जा देकर इसे काटने की अनुमति दे एसटी परिवारों को बड़ी राहत दी। बांस मिशन 1290 करोड़ रुपये इस योजना के बढ़ावे के लिए दिया गया है।
लघु वन उपज : न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने का काम किया।
वन बंधु कल्याण योजना : एसटी जनजाति के पूरे समाज और व्यक्ति का विकास होगा। 350 मॉडल ब्लॉक बनाए जा रहे हैं।
एकलव्य स्कूल : 184 जिलों में मॉडल एकलव्य आवासीय स्कूल बनाने का काम मोदी सरकार ने किया है।
शहीदों के गांव को आदर्श बनाया : देश की स्वतंत्रता संग्राम में सैकड़ों आदिवासियों ने अपना बलिदान दिया। भारत सरकार ने जनजातीय समाज के सभी शहीदों की पहचान की है और देशभर में 323 जगहों पर उनके कार्यो को सम्मान देते हुए योजनाएं दी गई हैं।
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