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रांची में बोले अमित शाह, देशभर में लागू करेंगे NRC-घुसपैठियों को करेंगे बाहर

Amit Shah in Ranchi. रांची में एक कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश के नागरिकों का रजिस्टर होना समय की जरूरत है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 05:38 PM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 08:48 PM (IST)
रांची में बोले अमित शाह, देशभर में लागू करेंगे NRC-घुसपैठियों को करेंगे बाहर
रांची में बोले अमित शाह, देशभर में लागू करेंगे NRC-घुसपैठियों को करेंगे बाहर

रांची, जेएनएन। Central Home Minister - भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पूरे देश में एनआरसी लागू करने की आवश्यकता बताई है। रांची में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि देश विरोधी ताकतों के खिलाफ सख्ती आवश्यक है। उन्होंने राममंदिर पर अदालत के फैसले को स्वागतयोग्य बताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट किसी के चाहने या न चाहने से नहीं चलता है। लोकसभा चुनाव के चलते कांग्रेस के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने इसपर फैसला कुछ समय के लिए टाल दिया था, लेकिन अब सर्वोच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर जल्द फैसला देने की बात कही है।

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फैसला किसी को अच्छा लगेगा और किसी को बुरा, लेकिन यह कोर्ट का फैसला होगा। जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाने के मुद्दे पर अमित शाह ने कहा कि हम शुरू से ही इसे अस्थायी मानते थे और इसे हटाना हमारी पार्टी के मेनिफेस्टो में था। बीजेपी की सरकार है और यह अपने एजेंडे पर चलेगी। कहा कि कश्मीर में हालात अब काफी सामान्य हो चले हैं। 196 पुलिस स्टेशनों में से सिर्फ 8 में ही धारा 144 लागू है और कर्फ्यू कहीं नहीं है।

वहां इंटरनेट और मोबाइल सेवा अभी तक बहाल नहीं होने पर गृहमंत्री ने कहा कि इंटरनेट कश्मीर में 16 साल बाद और मोबाइल करीब 17 साल बाद लगा था, इस पर पूर्व की सरकारें क्या कहेंगी। मानवाधिकार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कश्मीर में जो 41,000 लोग मारे गए, उनके मानवाधिकारों के लिए कौन जिम्मेदार हैं? आप कांग्रेस पार्टी से उनके मानवाधिकारों की बात करें।

एकरूपता के लिए हिंदी जरूरी, क्षेत्रीय भाषाओं का भी हो विकास

इस दौरान हिंदी के देशभर में इस्तेमाल के संबंध में दिए गए बयान को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में शाह ने कहा कि उन्होंने कभी भी देश के हर हिस्से में हिंदी की अनिवार्यता या बाध्यता के लिए दबाव डालने की वकालत नहीं की है, बल्कि देश के हर हिस्से में इसे द्वितीय भारतीय भाषा के रूप में अनिवार्य करने की बात कही है। देश की अखंडता और एकरूपता के लिए यह जरूरी है।

वह यह चाहते हैं कि देश की क्षेत्रीय भाषाओं का विकास हो और उनका फैलाव हो, लेकिन पूरे देश को जोड़ने वाली एक भाषा के रूप में हिंदी का समग्र बहाव होना जरूरी है। चर्चा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि वह खुद भी एक गैर हिंदीभाषी राज्य (गुजरात) से आते हैं, जहां गुजराती बोली जाती है, लेकिन जब सवाल देश का हो तो पूरे देश को ध्यान में रखकर काम किया जाना चाहिए।


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