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झारखंड के सारे आदिवासी गांव बनेंगे आदर्श ग्राम, विलेज डेवलपमेंट प्लान होगा तैयार

Jharkhand News Tribal Village झारखंड के जिस गांव में 50 प्रतिशत आबादी या 500 से अधिक आदिवासी रहते हैं वह आदर्श ग्राम में तब्दील होगा। इसके लिए विलेज डेवलपमेंट प्लान तैयार होगा। हर माह जिला स्तर पर समीक्षा होगी। अधिकारियों को विकास का जिम्मा मिलेगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 06:53 AM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 07:03 AM (IST)
झारखंड के सारे आदिवासी गांव बनेंगे आदर्श ग्राम, विलेज डेवलपमेंट प्लान होगा तैयार
Jharkhand News, Tribal Village हर माह जिला स्तर पर समीक्षा होगी। अधिकारियों को विकास का जिम्मा मिलेगा।

रांची, [प्रदीप सिंह]। जनजातीय समुदाय के सर्वांगीण विकास की दिशा में तेजी से काम कर रही राज्य सरकार ने झारखंड के सभी आदिवासी बहुल गांवों को आदर्श ग्राम बनाने की ठानी है। इसके तहत जिस गांव में 50 प्रतिशत आबादी या 500 से अधिक आदिवासी निवास करते हैं, वे आदर्श ग्राम के दायरे में आएंगे। ऐसे गांवों के विकास के लिए विशेष योजना तैयार की जाएगी। ये गांव तमाम बुनियादी सुविधाओं से लैस होंगे और लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने की दिशा में सरकार ठोस कदम उठाएगी।

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ऐसे गांवों के लिए विलेज डेवलपमेंट प्लान तैयार होगा। जिला स्तर पर इसकी हरेक माह मानिटरिंग भी होगी। इसके अलावा चयनित गांवों को आदर्श ग्राम में तब्दील करने को लेकर चल रही तैयारी का राज्य स्तर पर उच्च स्तरीय कमेटी समीक्षा करेगी। राज्य में लगभग 29 हजार गांव हैं, और इनमें से करीब एक तिहाई गांवों में आदिवासी समुदाय की बहुलता है।

इन विभागों की समेकित जिम्मेदारी

आदिवासी बहुल गांवों को आदर्श ग्राम में बदलने के लिए एक साथ लगभग एक दर्जन विभाग समेकित रूप से कार्य करेंगे। इसके लिए राज्य स्तर पर विलेज डेवलपमेंट प्लान (वीडीपी) वर्किंग कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी के अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव व सचिव होंगे।

इसके अलावा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ऊर्जा विभाग, वित्त विभाग, श्रम नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग और राजस्व भूमि सुधार एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव या उनके द्वारा मनोनीत अधिकारी इस कमेटी के सदस्य होंगे। मुख्य सचिव ने कमेटी को अनुमोदित किया है।

जिलों की अधिक जवाबदेही

योजना को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी जिलों पर ज्यादा होगी। इसके लिए जिला स्तर पर डिस्ट्रिक्ट प्लानिंग एंड मानिटरिंग कमेटी (डीपीएमसी) का चयन किया गया है। उपायुक्त इसके अध्यक्ष होंगे, जबकि आइटीडीएस निदेशक, उप विकास आयुक्त, जिला स्तरीय पदाधिकारी, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा मनोनीत सदस्य, स्थानीय विधायक और सांसद एवं उप विकास आयुक्त कमेटी के सदस्य होंगे। यह कमेटी जिला स्तर पर विलेज डेवलपमेंट प्लान तैयार करेगी। तैयार किए गए प्लान को उतारने के लिए डीपीएमसी से अनुमोदित कराया जाएगा।

हरेक महीने विलेज डेवलपमेंट प्लान के क्रियान्वयन की समीक्षा कमेटी करेगी। इसका तिमाही प्रगति प्रतिवेदन राज्य स्तरीय कमेटी को भेजा जाएगा। ग्राम पंचायत स्तर पर चिन्हित गांवों को विलेज डेवलपमेंट प्लान के क्रियान्वयन की समीक्षा हरेक माह होगी। ग्राम पंचायत द्वारा योजना के क्रियान्वयन की स्थिति ग्रामसभा की बैठक में प्रखंड के प्रतिनिधि के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। हरेक महीने विलेज डेवलपमेंट प्लान का प्रगति प्रतिवेदन आनलाइन डिस्ट्रिक्ट प्लानिंग एंड मानिटरिंग कमेटी को भेजा जाएगा।

हर गांव को 22.62 लाख

योजना केंद्र द्वारा शतप्रतिशत अनुदानित है। इसमें चयनित गांव को 22.62 लाख रुपये मिलेंगे। योजना के तहत पूर्व में सांसद आदर्श ग्राम योजना और आकांक्षी जिलों के तहत चयनित जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी। इस राशि से गांव के विकास की योजनाएं मंजूर की जाएगी।


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