आरएसएस के अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख ने कहा, नेतृत्वकर्ता सुयोग्य हो तो मृत समाज के अंदर फूंका जा सकता प्राण
आरएसएस के अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख अरुण जैन ने कहा कि अगर नेतृत्व कर्ता में जान हो तो कुछ भी असंभव नहीं है।
जागरण संवाददाता, राची : आरएसएस के अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख अरुण जैन ने कहा कि अगर नेतृत्वकर्ता सुयोग्य हो तो मृत समाज के अंदर भी प्राण फूंका जा सकता है। 325 साल पहले 1699 में बैसाखी के मेले के लिए नैना देवी के दरबार में 80 हजार श्रद्धालुओं के बीच गुरुगोविंद सिंह के द्वारा समाज में परिवर्तन के लिए खालसा पंत का सृजन किया गया था। इसमें उनके द्वारा पंच प्यारों को चुना गया था जो धर्म की रक्षा के लिए अपने शीश कटाने तक को तैयार थे। पंच प्यारे अलग अलग समाज से थे। वे रविवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी द्वारा चलाए जा रहे ऑनलाइन लेक्चर सिरीज के तहत व्याख्यान दे रहे थे। इसका विषय हमारे महापुरुष-हमारी प्रेरणा था। उन्होंने कहा कि दिल्ली के चादनी चौक स्थित शीशगंज गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर सिंह के बलिदान स्थल पर बना है। जब औरंगजेब के द्वारा गुरु गोविंद सिंह से युद्ध का ऐलान हुआ तब हिन्दू समाज के कई राजा औरंगजेब को खुश करने के लिए साथ दे रहे थे जिनके आखों पर अज्ञान की पट्टी बंधी थी। अरुण जैन ने कहा कि इतिहास को उसी ढंग से बताया जाए जिस तरह से घटित हुआ है।
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आज राष्ट्रीय अध्यक्ष का लेक्चर
लेक्चर सीरीज में सोमवार को अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एस सुबैय्या हिंदू राष्ट्र और भारतीय संस्कृति की प्रदर्शनी चोल साम्राज्य विषय पर व्याख्यान देंगे। ऑनलाइन व्याख्यान प्रात अध्यक्ष प्रो नाथू गाड़ी, संगठन मंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल, राजीव रंजन देव पाडेय, दीपेश कुमार, राष्ट्रीय मंत्री विनीता कुमारी, मोनू शुक्ला, मनोज सोरेन, बपन घोष सहित हजारों कार्यकर्ताओं ने लाइव देखा और सुना।