मंत्रिमंडल विस्तार पर सबकी नजर, कांग्रेस के दावे पर सोच-विचार
कांग्रेस की ओर से यह तर्क दिया जा रहा है कि स्पीकर पद पर उसने दावेदारी छोड़ दी है इस लिहाज से छह मंत्री पद उसे दिए जाने चाहिए।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य में नवगठित हेमंत सोरेन सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार पर सबकी नजर है। कांग्रेस ने मंत्रिमंडल में उम्मीद से ज्यादा की भागीदारी मांगी है। जानकारी के अनुसार कांग्रेस की इच्छा है कि पार्टी को चार मंत्री पद और मिले। फिलहाल हेमंत सोरेन की कैबिनेट में कांग्रेस कोटे से दो मंत्री आलमगीर आलम और रामेश्वर उरांव पहले ही शामिल किए जा चुके हैैं।
पूर्व में लिए गए निर्णय के मुताबिक झामुमो को मुख्यमंत्री समेत छह, कांग्रेस को पांच और राजद को एक पद दिए जाने पर सहमति बनी थी। कांग्रेस की ओर से यह तर्क दिया जा रहा है कि स्पीकर पद पर उसने दावेदारी छोड़ दी है, इस लिहाज से छह मंत्री पद उसे दिए जाने चाहिए। कांग्रेस की इस मांग पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि कांग्रेस की इस इच्छा की पूर्ति होने की गुंजाइश भी कम ही दिखती है।
झामुमो के एक वरीय नेता के मुताबिक सारे फैसले आलाकमान के साथ मिलकर तय हो चुके हैैं, ऐसे में किसी खास व्यक्ति की इच्छा का कोई औचित्य नहीं है। रही बात स्पीकर पद की, तो सत्तापक्ष के पास यह पद रखने की परंपरा है और इसे कतई त्याग के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।
बहरहाल कांग्रेस में जहां मंत्री पद के लिए लाबिंग तेज हो गई है वहीं झामुमो ने अपेक्षाकृत नए चेहरों को आगे लाने का मन बनाया है। ऐसे में पूर्व के मंत्रिमंडलों में शामिल रहे नेता ड्राप किए जा सकते हैैं। वहीं कुछ अन्य दावेदारों को बोर्ड-निगमों में समायोजित किया जा सकता है।
विस सत्र के बाद मंत्रिमंडल विस्तार
हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल का विस्तार विधानसभा के सत्र के बाद संभावित है। विधानसभा का सत्र छह जनवरी से आरंभ होगा जो आठ जनवरी तक चलेगा। इस दौरान नए विधायकों को शपथ ग्रहण कराई जाएगी। सत्र के दूसरे दिन राज्यपाल का अभिभाषण और दूसरा अनुपूरक बजट पेश होगा। तीसरे और अंतिम दिन अभिभाषण और अनुपूरक बजट पर चर्चा और सरकार का जवाब होगा।
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