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आतिशबाजी से धनबाद में सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण भी सामान्य से दोगुने स्तर पर

Jharkhand. रांची के अशोक नगर में सामान्य से 37 डेसिबल ज्यादा रहा प्रदूषण का स्तर। रात 10 बजे तक ही पटाखे जलाने का आदेश बेअसर रहा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 28 Oct 2019 08:40 PM (IST)Updated: Mon, 28 Oct 2019 08:40 PM (IST)
आतिशबाजी से धनबाद में सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण भी सामान्य से दोगुने स्तर पर
आतिशबाजी से धनबाद में सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण भी सामान्य से दोगुने स्तर पर

रांची, राज्य ब्यूरो। दीवाली पर रातभर जमकर चले पटाखों से इस साल भी राजधानी रांची समेत राज्य के सभी प्रमुख शहरों में वायु और ध्वनि प्रदूषण का स्तर बढ़कर दोगुना हो गया। प्रदूषण विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में इस साल प्रदूषण का स्तर 10 प्रतिशत अधिक दर्ज किया गया, जबकि सामान्य स्तर से यह दोगुना है। वहीं दिवाली के दिन रात 10 बजे तक ही पटाखे जलाने का आदेश भी बेअसर साबित हुआ और देर रात लोग पटाखे चलाते रहे।

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जानकारों के अनुसार दीपावली से पहले हुई बारिश के कारण वातावरण की नमी ने प्रदूषण के स्तर को थोड़ा नियंत्रित किया। मौसम नम न होता तो प्रदूषण का स्तर और भी बढ़ सकता था। ध्वनि प्रदूषण का सबसे ज्यादा स्तर धनबाद में रिकार्ड किया गया। यहां तीन अलग-अलग इलाकों में 107 डेसिबल प्रदूषण का स्तर रिकाॅर्ड किया गया वहीं राजधानी रांची में प्रदूषण का अधिकतम स्तर 84 डेसिबल तक पहुंचा।

राजधानी रांची में सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण रिहायशी क्षेत्र अशोक नगर में हुआ है। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने जांच के लिए शहर को चार जोन में बांटा था। झारखंड हाई कोर्ट क्षेत्र (साइलेंस जोन) में सामान्य स्तर 50 से 45 डेसिबल, अलबर्ट एक्का चौक (कामर्शियल जोन) में 65 से 55, कचहरी चौक (कामर्शियल क्षेत्र) में 65 से 55 अशोक नगर (रिहायशी क्षेत्र) में 55 से 45 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण होना चाहिए।

हवा में प्रदूषण का स्तर भी हुआ दोगुना

ध्वनि प्रदूषण के साथ हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। पीएम-10 और पीएम-2.5 (धूल के छोटे कण) भी सामान्य से दोगुने स्तर तक पहुंच गए हैं। हालांकि मौसम में नमी होने की वजह से प्रदूषण का स्तर काफी हद तक कंट्रोल में रहा। इसका असर पीएम-10 के स्तर पर भी पड़ा है। पीएम-10 का स्तर 275.96 (क्यूबिक प्रति मीटर) रिकॉर्ड किया गया है, जबकि सामान्य तौर पर यह 100 (क्यूबिक प्रति मीटर) होना चाहिए। गनीमत रही कि दीपावली के पहले तक हुई बारिश की वजह से वायुमंडल में धूल के कण ज्यादा नहीं फैल पाए। पीएम 2.5 का स्तर भी सामान्य स्तर (60) से बढ़कर 117 क्यूबिक प्रतिमीटर दर्ज किया गया।

स्थान       समय    ध्वनि प्रदूषण (डेसिबल)

हाई कोर्ट  -10 से 11 बजे - 84.1 (सामान्य स्तर - 50 )

अल्बर्ट एक्का चौक - 10- से 11 बजे - 79.9 (सामान्य स्तर - 60 )

कचहरी चौक - 9 से दस बजे - 78.3 (सामान्य स्तर - 50 )

अशोक नगर - 9 से दस बजे - 87.3 (सामान्य स्तर - 50 )

पिछले साल का स्तर (वर्ष 2018)

रांची हाई कोर्ट क्षेत्र - 74.5

अलबर्ट एक्का चौक - 83.3

अशोक नगर क्षेत्र - 81

धनबाद के हीरापुर और बैंक मोड़ में सबसे ज्यादा प्रदूषण

धनबाद में सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण रिकॉर्ड किया गया है। पटाखों के शोर ने यहां ध्वनि के स्तर को सबसे ज्यादा बढ़ाया। यहां प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने यहां के तीन जगहों पर दीपावली के दिन ध्वनि प्रदूषण की जांच की है। हीरापुर और बैैंक मोड़ में सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण का स्तर रहा। जबकि रिहायशी क्षेत्र में सामान्य तौर पर 55 से 45 डेसिबल और कामर्शियल क्षेत्र का 65 से 55 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण होना चाहिए।

धनबाद में ऐसा रहा प्रदूषण का स्तर

स्थान     समय  ध्वनि प्रदूषण (डेसिबल)

बरटांड़ - 10 से 11 बजे - 106.7

हीरापुर -  10 से 11 बजे - 107.5

बैैंक मोड़- 10 से 11 बजे- 107.2

जमशेदपुर के टेल्को इलाके में ज्यादा प्रदूषण

उधर जमशेदपुर की बात करें तो टेल्को इलाके में वायु प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा रहा। वहीं कदमा में वायु प्रदूषण सबसे कम रहा। 27 अक्टूबर को दीपावली की शाम 6 बजे कदमा इलाके में हवा में पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) 2.5 की मात्रा 50.48 माइक्रोग्र्राम प्रति घन मीटर थी। रात दस बजे यह बढ़कर 95.09 माइक्रोग्र्राम प्रति घन मीटर हो गया।

शाम छह बजे पीएम 10 की मात्रा 72.84 माइक्रोग्र्राम प्रति घन मीटर थी और रात 10 बजे 136.99 प्रति घन मीटर हो गई। वहीं टेल्को में शाम पांच बजे पीएम 2.5 का स्तर 52.89 माइक्रोग्र्राम प्रति घन मीटर था। रात 10 बजे यह बढ़कर 97.25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गया। पीएम 10 का स्तर 76.61 माइक्रोग्र्राम प्रति घन मीटर था, जो रात 10 बजे के बाद 140.15 हो गया।


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