कृषि से होगा राज्य का विकास, बदलेगी दिशा : मंत्री
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) में शनिवार को अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया।
जासं, रांची: बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) में शनिवार को अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान बतौर मुख्य अतिथि कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि कृषि से ही राज्य का विकास होगा और राज्य की दिशा बदलेगी। उन्होंने कहा कि बीएयू को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाया जाएगा। इसके लिए वह अपने स्तर से प्रयास कर रहे हैं।
समारोह से पूर्व मंत्री, सांसद, विधायक, कृषि सचिव व कुलपति ने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। मौके पर बिरसा मुंडा के परपोते सुखराम मुंडा और उलीहातू गांव के पांच किसानों को कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने सम्मानित किया। समारोह में कृषि मंत्री ने विवि के मृत कर्मियों के 22 आश्रितों को अनुकंपा पर नियुक्ति पत्र प्रदान किया।
मौके पर कृषि मंत्री ने कहा कि विवि के तकनीकी विकास एवं तकनीकी हस्तांतरण तथा तय मानकों के अनुरूप सरकार सहयोग करेगी। यहां के छात्रों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा और प्लेसमेंट का अवसर मिले। इसके लिए वह अपने स्तर से प्रयास करेंगे।
उन्होंने कहा कि झारखंड आदिवासी बहुल राज्य है। इसके हितों की रक्षा एवं कृषि विकास हेतु पक्ष और विपक्ष के संयुक्त प्रयास से बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) को केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय बनाने के लिए भी वह अपने स्तर से प्रयास करेंगे।
कृषि मंत्री ने बीएयू के स्थापना में स्व. कार्तिक उरांव के योगदान के बारे में बताया और उनके नाम से संस्थान की स्थापना की बात रखी। उन्होंने कहा कि राज्य का विकास और दिशा कृषि से ही बदलेगा। कृषि विभाग एवं विश्वविद्यालय हर स्तर पर अधिकाधिक बिरसा किसानों को कृषि तकनीकी से जागरूक एवं समृद्ध करें। किसानों का विश्वास जगाने के लिए उन्हें कम मूल्य पर कृषि उपकरण दिए जाएं। साथ ही किसानों के मुताबिक ही उनके उत्पादों का मूल्य उन्हें मिले। उन्होंने प्रत्येक कृषि विज्ञान केंद्र को 5 हजार किसानों को जागरूक और आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि विभागीय स्तर पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। इसके परिणाम जल्द देखने को मिलेंगे। देश एवं राज्य की बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है। देश के जीडीपी में कृषि का औसत योगदान 17 प्रतिशत और राज्य के जीडीपी में कृषि का औसत योगदान 12 प्रतिशत मात्र है। केंद्र में कृषि का बजट मात्र 7 प्रतिशत एवं राज्य में 5 प्रतिशत मात्र है। इसमें सुधार के लिए अधिकार और कर्तव्य बोध पर हमें ध्यान देने होगा।
मौके पर रांची सांसद संजय सेठ ने बीएयू को केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय का दर्जा देने का प्रस्ताव राज्य सरकार के स्तर से भेजने और केंद्र सरकार में हरसंभव प्रयास एवं सहयोग देनी की बात कही। उन्होंने कहा की झारखंड कृषि मामले विशेषकर सब्जी उत्पादन में काफी समृद्ध है। इसे आगे बढ़ाने एवं पंचायत स्तर पर कृषि शो केस स्थापित करने की जरूरत है।
कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीक ने कहा कि हमारे समाज में कृषि का कोई विकल्प नहीं है। राज्य में पिछले वर्ष सबसे अधिक उत्पादन हुआ। दलहन उत्पादन के मामले में राज्य अग्रणी है। राज्य कृषि विकास में बीएयू की अग्रणी भूमिका रही है। विवि को पशुपालन, मत्स्य एवं वानिकी तकनीकी के क्षेत्र में विशेष ध्यान देना होगा। पशु चिकित्सा संकाय में भवनों का उद्घाटन और शिलान्यास हुआ
समारोह के बाद पशु चिकित्सा संकाय में भवनों का उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर कृषि मंत्री बादल ने राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त अनुदान के अधीन निर्मित पशु उत्पादन, प्रबंधन एवं निर्देशात्मक पशुधन फार्म भवन, 350 छात्रों की क्षमता वाली परीक्षा भवन तथा बड़ा एवं छोटा पशु प्रयोग गृह का उद्घाटन किया। इस दौरान मंत्री ने पशु चिकित्सा संकाय में आधुनिक पशु जांच और अंत्यपरीक्षण प्रयोगशाला केंद्र का शिलान्यास किया। कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री ने गो-पालन : एक नया आयाम नामक पुस्तक का विमोचन किया। कार्यक्रम में सांसद संजय सेठ, विधायक समरीलाल, पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव, कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीक, कृषि निदेशक निशा उरांव, पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा, कुलपति डा ओंकार नाथ सिंह एवं विवि के डीन, डायरेक्टर, प्रोफेसर, स्टाफ एवं किसान आदि मौजूद थे।