कृषि मंत्री मंत्री बादल पत्रलेख को पसंद आया केरल का पशुपालन मॉडल, झारखंड में करेंगे लागू
Animal Husbandry मंत्री ने मिल्क पार्लर का भ्रमण कर बकरियों की नस्लों के संरक्षण की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि झारखंड के पशु चिकित्सकों का एक समूह जल्द ही केरल आकर पशुपालन की आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण लेगा।
राज्य ब्यूरो, रांचीः पशु कल्याण की दिशा में झारखंड केरल मॉडल को लागू करेगा। ये बात केरल के दौरे पर गए कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कही है। उन्होंने कहा कि राज्य की जीडीपी को बढ़ाने में कृषि क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
मंत्री बादल ने किया केरल का दौरा
शनिवार को कृषि मंत्री पदाधिकारियों के साथ केरल के मन्नूथी स्थित कॉलेज ऑफ वेटनरी एंड एनिमल साइंस पहुंचे। उन्होंने वेटनरी हॉस्पिटल में पशुओं की चिकित्सा संबंधित ब्लड ट्रांसफ्यूजन, डायलेसिस केंद्र, ऑपरेशन थियेटर और बायोकेमिकल लेबोरेटरीज, गोट फार्म आदि केंद्रों का भ्रमण किया।
फोटोः केरल के दौरे पर मंत्री बादल पत्रलेख
वहां के प्राध्यापकों ने मंत्री को जानकारी दी कि क्लिनिक कॉम्प्लेक्स में प्रतिदिन 100 से ज्यादा विभिन्न श्रेणियों के पशुओं की चिकित्सा की जाती है।
महाविद्यालय में संचालित पशु प्रक्षेत्रों के भ्रमण के दौरान वरीय प्रक्षेत्र प्रभारी डॉक्टर बिंदु ने टीम को जानकारी दी कि उनके यहां गायों की फ्रीश्वल, बछौर की नस्ल के संवर्धन के साथ-साथ उनसे आधुनिक तरीकों से दूध निकाला जाता है।
झारखंड के पशु चिकित्सक आकर लेंगे ट्रेनिंग
मंत्री बादल ने मिल्क पार्लर का भ्रमण कर बकरियों की नस्ल मालबारी, जमुनापारी के संरक्षण की जानकारी ली। कृषि मंत्री बादल ने कहा कि झारखंड के पशु चिकित्सकों का एक समूह जल्द ही केरल आकर पशुपालन की आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण लेगा। महाविद्यालय के डीन से प्रशिक्षण दिलाने का अनुरोध किया गया है।
कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने कहा कि केरल का पशु कल्याण और चिकित्सा पद्धति उत्कृष्ट है। हमारा प्रयास है कि यह पद्धति झारखंड में लागू हो।
महाविद्यालय भ्रमण के दौरान मुख्य रूप से कृषि निदेशक चंदन कुमार, गव्य विकास उप निदेशक डॉ. मनोज कुमार तिवारी, मत्स्य पदाधिकारी प्रदीप कुमार मौजूद थे।
केरल कृषि विश्वविद्यालय का किया भ्रमण
मंत्री बादल ने शनिवार को त्रिसूर स्थित केरल कृषि विश्वविद्यालय का भी दौरा किया। उन्होंने वहां कृषि के क्षेत्र में हो रही नवीन तकनीक के प्रयोग को देखा।
केंद्र के प्रभारी ने बताया कि नई तकनीक से केरल में उत्पादित विभिन्न फल और सब्जियों का प्रसंस्करण करते हुए वैल्यू एडिशन के साथ प्रोसेस प्रोडक्ट तैयार कर बाजार में उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे किसानों की आय में वृद्धि हो रही है।