रांची और धनबाद में टैक्स कलेक्शन के लिए एजेंसी तय
रांची नगर विकास एवं आवास विभाग की स्टेट अर्बन डेवलपमेंट एजेंसी (सूडा ) ने रांची व धनबाद नगर निगम में अगले तीन साल तक राजस्व संग्रहण के लिए एजेंसी चयन की प्रक्रिया संपन्न कर ली है।
रांची : नगर विकास एवं आवास विभाग की स्टेट अर्बन डेवलपमेंट एजेंसी (सूडा ) ने रांची व धनबाद नगर निगम में अगले तीन साल तक राजस्व संग्रहण के लिए एजेंसी चयन की प्रक्रिया संपन्न कर ली है। सूडा में गठित निविदा समिति ने मानकों के अनुरूप सबसे बेहतर दर कोट करने वाली एजेंसी के नाम की अनुसंशा कर दी है। अब टैक्स में बगैर वृद्धि के भी केवल पूर्व में टैक्स भरने वाले हाउसहोल्ड से भी एजेंसी अगर राजस्व संग्रहण करती है, तो केवल रांची नगर निगम को अगले तीन साल में लगभग 4.5 करोड़ रुपये से ज्यादा का लाभ कमीशन मद में होगा। वहीं, धनबाद नगर निगम के राजस्व में तुलनात्मक और भी ज्यादा वृद्धि होगी।
नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे ने बताया कि निविदा प्रक्रिया में थोड़ा लचीलापन लाने के कारण प्रतिस्पद्र्धा बढ़ने का फायदा विभाग को मिला है। राजस्व संग्रहण के लिए कंपनियों ने पहले से कम कमीशन पर दिलचस्पी दिखाई, जिसका नतीजा है कि दोनों हीं नगर निगम के राजस्व में भारी वृद्धि होगी। यह व्यवस्था नगर निगमों के वित्तीय ढांचा को मजबूती प्रदान करेगी।
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सूडा ने ही क्यों की निविदा :
नगर निकायों में प्रॉपर्टी टैक्स कलेक्शन का काम अमृत रिफॉर्म्स का हिस्सा है। राज्य सरकार द्वारा अमृत के अंतर्गत रिफॉर्म्स व अन्य के अनुश्रवण और पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी सूडा को सौंपी गई है, इसलिए सूडा द्वारा राजस्व संग्रहण के लिए एजेंसी चयन का काम पहले से ही किया जा रहा था। अमृत रिफॉर्म्स के अंतर्गत शहरी सुधारों में राजस्व संग्रहण को प्राथमिकता देते हुए 90 फीसद संग्रहण और 90 फीसद की बिलिग का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। निकाय स्तर पर राजस्व संग्रहण के काम का अनुश्रवण और पर्यवेक्षण का कार्य स्टेट अर्बन डेवलपमेंट एजेंसी के स्तर पर संचालित किया जाता रहा है, इसलिए इस निमित्त पूरे राज्य में एकीकृत व्यवस्था एवं कॉमन प्लेटफार्म तैयार किया गया है।
पूर्व में राज्य के 51 में से 49 नगर निकायों में सूडा के स्तर से ही राजस्व संग्रहण के लिए एजेंसी का चयन त्रिपक्षीय एकरारनामे के तहत किया जा चुका है, जिसके बाद उन निकायों में पूर्व की तुलना में राजस्व संग्रहण में भारी वृद्धि हुई है। पूर्व से चली आ रही निविदा की प्रक्रिया को और लचीला बनाया गया, जिसके बाद सरकार के दूसरे विभागों व इकाइयों में कार्य करने वाली एजेंसियों ने भी निविदा में हिस्सा लिया। इससे प्रतिस्पद्र्धा बढ़ी और कंपनियों को अपना कमीशन कम करना पड़ा, जिससे दोनों नगर निगम को लाभ हो रहा है। पूर्व में रांची में राजस्व संग्रहण करने वाली एजेंसी का कमीशन 10.50 प्रतिशत था, जो अब नई प्रक्रिया में 7.34 प्रतिशत हो गया है। वहीं, धनबाद में पूर्व में लगभग 12 प्रतिशत के जगह अभी कंपनी का कमीशन 7.34 प्रतिशत हो गया है।
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एकीकृत राजस्व संग्रहण प्रणाली लागू :
इस व्यवस्था के लागू होने से पूरे प्रदेश में एकीकृत राजस्व संग्रहण प्रणाली लागू होगी। इससे राज्य स्तर पर अनुश्रवण व पर्यवेक्षण में भी सहुलियत होगी। इससे नगर निकायों में एक पेशेवर कार्य संस्कृति विकसित होगी।
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