तीन साल बाद झारखंड के स्कूलों को मिलेगा राष्ट्रीय स्वच्छता पुरस्कार, देखिए क्या है नियम
Ranchi News प्रत्येक जिला में 43 उत्कृष्ट स्कूलों को प्रमाणपत्र दिए जाएंगे जिनमें से पांच स्टार लानेवाले तथा अधिक अंक प्राप्त करनेवाले आठ प्राथमिक तथा छह माध्यमिक या उच्च माध्यमिक स्कूल राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में शामिल होंगे। कुल 20 स्कूलों का चयन राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए किया जाएगा
रांची, राज्य ब्यूरो। स्वच्छता के विभिन्न मानकों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करनेवाले स्कूलों को तीन साल बाद राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त होगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने तीन साल बाद वर्ष 2021-22 के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार देने का निर्णय लिया है, जिसके लिए आनलाइन प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहली बार इस प्रतियोगिता में स्कूलों को वहां कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर उठाए गए आवश्यक कदम के मानकों पर भी परखा जाएगा। इसपर प्रतियोगिता में शामिल स्कूलों को अधिकतम 15 अंक दिए जाएंगे।
स्वच्छता पुरस्कार में शामिल होंगे सरकारी और निजी स्कूल
स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार प्रतियोगिता में सभी सरकारी, सहायता प्राप्त तथा निजी स्कूल शामिल हो सकते हैं। इसमें शामिल होने के लिए स्कूल www.swachchavidyalaya.com पोर्टल के माध्यम से आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस प्रतियोगिता में छह श्रेणियों में कुल 110 अंकों के आधार पर स्कूलों की स्टार रेटिंग की जाएगी। 90 से 100 प्रतिशत अंक लानेवाले स्कूलों को पांच स्टार, 75 से 89 प्रतिशत लानेवाले स्कूलों को चार स्टार तथा 51 से 74 प्रतिशत लानेवाले स्कूलों को तीन स्टार दिए जाएंगे। इस आधार पर जिला स्तरीय, राज्य स्तरीय तथा राष्ट्रीय स्तर पर स्कूलों को पुरस्कृत किया जाएगा।
43 उत्कृष्ट स्कूलों को प्रमाणपत्र दिए जाएंगे
प्रत्येक जिला में 43 उत्कृष्ट स्कूलों को प्रमाणपत्र दिए जाएंगे, जिनमें से पांच स्टार लानेवाले तथा अधिक अंक प्राप्त करनेवाले आठ प्राथमिक तथा छह माध्यमिक या उच्च माध्यमिक स्कूल राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में शामिल होंगे। कुल 20 स्कूलों का चयन राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए किया जाएगा, जिनमें ग्रामीण क्षेत्रों के 12 तथा शहरी क्षेत्र के आठ स्कूल शामिल होंगे। साथ ही विभिन्न श्रेणी में भी एक-एक कुल छह स्कूलों का चयन राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए किया जाएगा। ये सभी स्कूल राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल होंगे। राष्ट्रीय स्तर पर अधिकतम 40 (ग्रामीण क्षेत्रों के दस प्राथमिक और दस माध्यमिक/उच्च माध्यमिक तथा शहरी क्षेत्र के इतने ही स्कूल) तथा उपश्रेणी में छह स्कूलों को पुरस्कार मिलेगा।
वर्ष 2018-19 से नहीं हुई थी प्रतियोगिता
केंद्र द्वारा स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार प्रतियोगिता की शुरुआत सबसे पहले वर्ष 2016-17 में की गई थी। इसके बाद वर्ष 2017-18 में भी यह प्रतियोगिता हुई थी, लेकिन इसके बाद यह प्रतियोगिता हुई ही नहीं। हालांकि झारखंड में राज्य स्तर पर स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार प्रतियोगिता का आयोजन वर्ष 2019-20 तक किया गया।
किसपर मिलेंगे कितने अधिकतम अंक
पेयजल : 22, शौचालय : 27, बच्चों का साबुन से हाथ धोना : 14, संचालन एवं रखरखाव : 21, बच्चों का व्यवहार परिवर्तन तथा क्षमता निर्माण : 11, कोरोना से बचाव के उपाय : 15