Tribal Pride Day: वीर बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर बोले राज्यपाल - झारखंड को आगे बढ़ाने के लिए सपथ लें लोग
Tribal Pride Day भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस केंद्र मंत्री अर्जुन मुंडा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विभिन्न संस्था व समुदाय के लोगों ने माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। राज्यपाल ने राज्य को आगे बढ़ाने के लिए सभी को आगे आने का आह्वान किया।
रांची, जासं। धरती आबा बिरसा मुंडा की जयंती और झारखंड राज्य के स्थापना दिवस के अवसर पर बिरसा चौक स्थित भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस, केंद्र मंत्री अर्जुन मुंडा, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मंत्री आलमगीर आलम सहित अन्य नेता और विभिन्न संस्था और समुदाय के लोगों ने माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
वीर बिरसा मुंडा की मूर्ति पर पुष्प चढ़ाकर राज्य के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि आज राज्य के स्थापना दिवस के साथ-साथ भगवान बिरसा मुंडा की जयंती भी है। वीर बिरसा मुंडा ने जिस उद्देश्य के साथ अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोला। अपने जल, जंगल व जमीन को बचाने के लिए हम उनसे प्रेरणा लेकर झारखंड को बचाने और आगे लेकर जाने के लिए एक शपथ लेना चाहिए कि मैं जो भी करुंगा झारखंड के विकास के लिए करुंगा, तभी राज्य का स्थापना दिवस सफल होगा।
वीर बिरसा मुंडा को नमन करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि वीर बिरसा मुंडा के जन्मदिन और झारखंड स्थापना दिवस पर भारत सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अभूतपूर्व फैसला लिया है कि इसे जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाया जाए। यह देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। जनजाति समाज के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिवस है। इस दिवस रूप को समस्त जनजाति समाज मनाएं। जनजाति समाज का जो गौरवमय इतिहास है, उसे हम आत्मसम्मान और स्वाभिमान के साथ मनाएं। देश में जनजाति समाज के लोग बहुत बड़ी संख्या में अपनी आहुति दी है, बलिदान हुए हैं, शहीद हुए हैं, उन सारे लोगों के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर हम आज से जनजाति गौरव दिवस मना कर उनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़े।
राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि लगभग 150 साल से यह जयंती मनाई जा रही है। वैसे आज राज्य का स्थापना दिवस भी है। लेकिन उससे ज्यादा यादगार भगवान बिरसा मुंडा की जयंती है। इस जयंती उत्सव की आवाज शायद गांव, कस्बे, मोहल्ले तक ही सीमित होती थी। आज देर से ही सही इसकी आवाज बहुत दूर तक गई है। अपने संघर्ष और बलिदान से समाज के प्रति समर्पित होने वाले लोगों की आवाज दब नहीं सकती।