सरकार तक पहुंचा जामताड़ा डीसी-एसपी का विवाद
जामताड़ा के डीसी फैज अक अहमद मुमताज और एसपी अंशुमान कुमार के बीच का विवाद सरकार तक पहुंच गया है। इस पूरे प्रकरण में दुमका के डीआइजी की रिपोर्ट पर अधिकारी का दोष तय होगा। गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग रिपोर्ट की समीक्षा करेगा। इसके बाद दोषी पदाधिकारी पर 15 अगस्त के बाद कभी भी गाज गिर सकती है।
रांची : जामताड़ा के डीसी फैज अक अहमद मुमताज और एसपी अंशुमान कुमार के बीच का विवाद सरकार तक पहुंच गया है। इस पूरे प्रकरण में दुमका के डीआइजी की रिपोर्ट पर अधिकारी का दोष तय होगा। गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग रिपोर्ट की समीक्षा करेगा। इसके बाद दोषी पदाधिकारी पर 15 अगस्त के बाद कभी भी गाज गिर सकती है। विभाग में इस बात को लेकर ज्यादा नाराजगी है कि आपसी विवाद में जामताड़ा के एसपी अंशुमान कुमार ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट किया। इसे अनुशासनहीनता माना जा रहा है।
गौरतलब है कि जामताड़ा के गांधी मैदान में परेड पूर्वाभ्यास के दौरान गुरुवार को डीसी तथा एसपी में कहासुनी हो गई थी। गांधी मैदान में उपायुक्त पहले पहुंच गए थे और एसपी कुछ देर बाद आए, जिसपर उपायुक्त ने नाराजगी जताई। इसपर एसपी का जवाब था कि वे निर्धारित समय पर आए हैं। बताते चलें कि उपायुक्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2014 बैच के अधिकारी हैं, जबकि अंशुमान कुमार 2013 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं।
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आलोचना के बाद बंद किया एकाउंट
एसपी अंशुमन कुमार ने विवाद के बाद ट्वीटर हैंडल पर डीसी के पद से लेकर प्रभारी डीजीपी व वर्तमान सरकारी व्यवस्था पर अपनी जमकर भड़ास निकाली। लिखा कि डीसी का पद बिना मतलब का है। पुलिस सुधार की दिशा में कोई काम नहीं हुआ, पुलिस की स्थिति सबसे खराब है, संस्था मजबूत नहीं और यहां आज भी ब्रिटिश सरकार का कानून चल रहा है। हालांकि उनके पोस्ट की जब आलोचना होने लगी तो उन्होंने अपना एकाउंट बंद कर दिया।
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पाकुड़ में भी डीसी-एसपी के बीच तल्खी बढ़ने पर हटाए गए थे डीसी
झारखंड में अफसरों के बीच अहम का टकराव पूर्व में भी होता रहा है। इससे पूर्व पाकुड़ में पूर्व एसपी शैलेंद्र वर्णवाल व डीसी डीके झा के बीच विवाद इस कदर बढ़ा था कि सरकार को पूरे मामले की जांच करानी पड़ी। जांच रिपोर्ट के बाद पहले डीसी और बाद में एसपी का तबादला कर दिया गया था।
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