एचईसी के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू, केंद्र ने मांगा संपत्ति का ब्योरा
मंत्रालय ने एचईसी की स्थिति के आकलन के लिए एचईसी की संपत्ति और देनदारी का ब्योरा तलब किया है।
रांची, शक्ति सिंह। परमाणु ऊर्जा मंत्रालय ने एचईसी (भारी अभियंत्रण निगम) को टेकओवर करने की दिशा में पहल शुरू कर दी है। मंत्रालय ने एचईसी की स्थिति के आकलन के लिए एचईसी की संपत्ति और देनदारी का ब्योरा तलब किया है। हाल ही इस मसले पर पीएमओ में मंथन हुआ था। तीन दिन पहले ऊर्जा मंत्रालय सहित संबंधित विभागों के अधिकारियों ने बैठक की, जिसमें एचईसी के टेकओवर के संबंध में बात हुई। हालांकि, प्रबंधन इस संबंध में अभी औपचारिक तौर पर कुछ भी कहने से परहेज कर रहा है।
एचईसी को संभालने के पहले परमाणु ऊर्जा मंत्रालय इसकी आर्थिक स्थिति, वर्क ऑर्डर, उत्पादन की दृष्टि से प्लांटों की खासियत, कर्मचारियों की संख्या और कर्मचारियों के बकाए की स्थिति इसकी संपत्ति आदि के बारे में पूरी तरह टटोल लेना चाहता है ताकि एचईसी को दौड़ाने के लिए ठोस कार्रवाई की जा सके।डाटा इंट्री का कार्य शुरू मंत्रालय की संपत्ति व दायित्व के ब्योरे की मांग के बाद एचईसी भी रेस हो गया है। हिसाब-किताब जुटाने, डाटा इंट्री का काम शुरू हो गया है। इसके लिए एचईसी ने अपने विभिन्न विभागों से पूरी जानकारी मांगी है, ताकि समय पर पूरी जानकारी मंत्रालय को भेजी जा सके। डाटा इंट्री में प्लांट में उत्पादन की स्थिति और किस्में, प्लांट में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या। इसमें स्थायी और अस्थायी कर्मचारियों की संख्या, एचईसी के समक्ष उपलब्ध वर्क ऑर्डर की स्थिति, निगम के कामगारों का बकाया, एचईसी का रकवा, क्वार्टरों की संख्या आदि तमाम सूचनाएं सूचीबद्ध की जा रही हैं।
उद्योग मंत्री ने दी थी जानकारी
हाल ही में राज्यसभा सांसद समीर उरांव द्वारा संसद में पूछे गए सवाल पर उद्योग मंत्री अनंत गीते ने एचईसी की बंदी या बिक्री की चर्चाओं पर विराम लगाते हुए बताया था कि केंद्रीय परमाणु ऊर्जा मंत्रालय ने एचईसी के अधिग्रहण का प्रस्ताव दिया है। टेकओवर से बढ़ेंगे रोजगार के विकल्प एचईसी को टेकओवर करने पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। वर्तमान में एचईसी में कामगारों की संख्या करीब पांच हजार है। वह बढ़कर 10 हजार से अधिक हो जाएगी। जानकारी हो कि एक समय में एचईसी में 22 हजार कर्मी कार्यरत थे। आधुनिकीकरण के लिए 1300 करोड़ रुपये की जरूरतपरिस्थितियों के कारण कंपनी लगातार घाटे में चल रही है। माली हालत ठीक नहीं है। मशीनों के आधुनिकरण के लिए एचईसी के पास पैसे भी नहीं है। जबकि आधुनिकीकरण करने के लिए कंपनी को 1300 करोड़ रुपये की जरूरत है।
टेकओवर और आधुनिकीकरण से कंपनी मुनाफा में आएगी। वर्क ऑर्डर पूरा करने में सक्षम होगी। नए वर्क ऑर्डर मिलेंगे। लगातार घाटे में रहने के कारण निगम अपने बूते बहुत कुछ करने की स्थिति में नहीं है। टेकओवर से युवाओं का रोजगार भी मिलेगा।
-राणा संग्राम सिंह, महामंत्री, हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन