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धर्मातरण का आरोप लगे या बच्चा चोरी का, समाजसेवा करते रहेंगे

रोमन कैथोलिक मसीहियों ने रविवार को ख्रीस्त राजा का पर्व धूमधाम से मना।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Nov 2019 02:44 AM (IST)Updated: Mon, 25 Nov 2019 06:15 AM (IST)
धर्मातरण का आरोप लगे या बच्चा चोरी का, समाजसेवा करते रहेंगे
धर्मातरण का आरोप लगे या बच्चा चोरी का, समाजसेवा करते रहेंगे

जागरण संवाददाता, रांची : रोमन कैथोलिक मसीहियों ने रविवार को ख्रीस्त राजा का पर्व धूमधाम से मनाया। सुबह में संत मरिया गिरिजाघर में विशेष अनुष्ठान हुए। दोपहर एक बजे पवित्र संक्रामेत लेकर विशाल शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा संत मरिया गिरिजाघर से आरंभ होकर पुरुलिया रोड, अलबर्ट एक्का चौक, ओल्ड एचबी रोड, प्लाजा चौक, लालपुर, डंगराटोली होते हुए लोयला मैदान पहुंचकर प्रार्थना सभा में तब्दील हो गया। शोभायात्रा में रांची एवं आसपास के इलाकों से हजारों विश्वासी शामिल हुए। विश्वासी हाथों में तख्तिया लेकर ºीस्त हमारा मुक्तिदाता, राजाओं के राजा ºीस्त..आदि नारे लगाते चल रहे थे। प्रार्थना सभा के मुख्य वक्ता फादर आनंद डेविड खलखो ने कहा कि यीशु ख्रीस्त ही हमारे राजा हैं और हम उनकी ईमानदार प्रजा हैं। यीशु के दिखाए रास्ते का अनुशरण कर समाज की सेवा करते हैं। जबकि हम पर धर्मातरण का आरोप लगाया जाता है। बच्चा चोरी का आरोप लगता है। चाहे कोई भी आरोप लगे हम मानवता की सेवा करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि ख्रीस्त राजा हमसे बड़े बलिदान की अपेक्षा नहीं करते हैं। प्रभु कहते हैं कि दूसरों से प्रेम करें, उनकी गलतियों को क्षमा कर जरूरतमंदों की सेवा करते रहें।

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फादर डेविड खलखो ने कहा कि आज के राजा के खिलाफ कोई कुछ बोल दे तो खिलाफत करने वालों को मौत के घाट उतार दिया जाता है जबकि हमारे ख्रीस्त राजा ऐसे नहीं हैं। उन्हें लोगों ने हर तरह से अपमानित किया। लेकिन इस सबके बावजूद उन्होंने किसी के बारे में बुरा नहीं सोचा। हमारा ख्रीस्त राजा शांति, प्रेम व क्षमाशील राज्य की स्थापना करते हैं। मौके पर मुख्य रूप से बिशप फेलिक्स, सहायक बिशप थियोडोर, कैथोलिक सभा के सभापति अल्बिनुस तिग्गा, युवा संघ के अध्यक्ष कुलदीप तिर्की, अलेक्स, पेत्रुस, नवल, मुक्ति आकाश, अमरदीप, अंबर, अंजली, नीलम, ज्योति आदि उपस्थित थे।

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झांकी के माध्यम से शांति, प्रेम का दिया संदेश

शोभायात्रा के दौरान संत जॉन्स स्कूल, जेवियर कॉलेज, उर्सुलाइन स्कूल आदि के विद्यार्थियों ने झांकी के माध्यम से शांति, प्रेम व सद्भाव का संदेश दिया। नैतिक शिक्षा व धर्म संदेश से संबंधित झांकिया आकर्षण का केंद्र बनी रही। वहीं, कई स्कूल के बच्चे प्रार्थना करते हुए चल रहे थे। शोभायात्रा में लालपुर पेरिस, वर्धमान कंपाउंड, कोकर पल्ली, सामलौंग, बरियातू, डोरंडा, कांके, भीठा आदि इलाके से लोग शामिल थे।

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क्यों मनाया जाता है ख्रीस्त पर्व

कैथोलिक सभा के सभापति अल्बिनुस तिग्गा के अनुसार प्रथम विश्व युद्ध के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों के राजाओं में खुद को सर्व शक्तिमान साबित करने की होड़ लग गई। देशों में युद्ध शुरु हो गया। चूंकि दुनिया में सबसे ज्यादा जनसंख्या ईसाईयों की थी। इसलिए रोमन कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च धर्म गुरु पोप 11वां पियूष ने विश्व में शांति व सद्भाव कायम रखने के उद्देश्य से ख्रीस्त राजा को सर्व शक्तिमान घोषित किया। विश्वासियों को ख्रीस्त को ही अपना राजा मानने को कहा। उनका मत था कि ऐसे में परस्पर विद्वेष की भावना कम होगी। झगड़ा बंद हो जाएगा। 1925 के बाद से भिन्न तिथियों में ख्रीस्त राजा का पर्व मनाया जाने लगा। बाद में इसे पूजा पद्धति से जोड़ते हुए नवंबर माह के अंतिम रविवार को पर्व मानने की प्रथा शुरू हुई।


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