बहुचर्चित कंबल घोटाले में आरोपितों का पक्ष लेगा एसीबी, CM के आदेश के बाद तेज जांच
राज्य में बहुचर्चित 18 करोड़ रुपये के कंबल घोटाले में अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) सभी आरोपितों का पक्ष लेगा। जो भी आरोपित हैं उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया जाएगा। जो भी जवाब सामने आएगा उसकी समीक्षा होगी।
रांची, राज्य ब्यूरो । राज्य में बहुचर्चित 18 करोड़ रुपये के कंबल घोटाले में अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) सभी आरोपितों का पक्ष लेगा। जो भी आरोपित हैं, उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया जाएगा। जो भी जवाब सामने आएगा, उसकी समीक्षा होगी। समीक्षा में दोषी मिलने वालों के विरुद्ध कानून सम्मत कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद एसीबी ने कंबल घोटाले की जांच तेज कर दी है।
एक साल पहले ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने झारक्राफ्ट की तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी रेणु गोपीनाथ पाणिकर, उप महाप्रबंधक मोहम्मद नसीम अख्तर व मुख्य वित्त पदाधिकारी अशोक ठाकुर के खिलाफ प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी। इसके बाद ही यह मामला एसीबी में लंबित था।मुख्यमंत्री ने गत एक अगस्त को भी एक आदेश जारी कर एसीबी से इस पूरे प्रकरण की जांच की अद्यतन रिपोर्ट देने को कहा था, ताकि दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई हो सके।
बिना प्रक्रिया का पालन किए खरीदारी
- वित्तीय वर्ष 2016-17 में राज्य में तत्कालीन रघुवर दास के शासनकाल में सर्दियों में गरीबों के बीच कंबल बांटने के लिए सरकार ने झारक्राफ्ट को नौ लाख कंबल बनाने का आर्डर दिया था। झारक्राफ्ट ने हरियाणा के पानीपत से कंबल की खरीद का दावा किया था। विभागीय जांच में यह बात सामने आई थी कि बिना विधिक प्रक्रिया का पालन किए ही गरीबों के लिए कंबल की खरीदारी की गई थी, जो नियम विरुद्ध था। तत्कालीन विकास आयुक्त के निर्देश पर झारक्राफ्ट ने 23 फरवरी 2018 को अपनी रिपोर्ट सौंपकर यह जानकारी दी थी कि इस घोटाले में सभी आरोपितों की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसके बाद ही राज्य सरकार ने एसीबी को इस पूरे प्रकरण की जांच का आदेश दिया था। यह मामला एसीबी में लंबित है।