ACB का एक साथ 4 ठिकानों पर छापा, रांची-धनबाद नगर निगम, रजिस्ट्री-थाने में दबिश VIDEO
Anti Corruption Bureau बुनियादी सुविधाओं की फाइलें नगर निगमों में लंबित पाई गई। छापेमारी में मिली अनियमितताओं की रिपोर्ट संबंधित विभाग को सौंपेगा एसीबी।
रांची, जेएनएन। Anti Corruption Bureau भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की चार टीमों ने बुधवार को एक साथ रांची व धनबाद में चार स्थानों पर छापेमारी की। इसमें धनबाद नगर निगम, रांची नगर निगम, रांची रजिस्ट्री कार्यालय व डोरंडा थाना शामिल है। छापेमारी में एसीबी की टीम को हर जगह अनियमितता मिली है। इससे संबंधित एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिससे एसीबी मुख्यालय व संबंधित विभाग को अवगत कराया जाएगा। नगर निगमों में जहां ऑफलाइन नक्शे की फाइलें लंबित मिलीं, वहीं डोरंडा थाने में जांच के लिए आए आवेदनों से संबंधित फाइलें लंबित पाई गई।
रांची नगर निगम में एसीबी के डीएसपी सादिक अनवर रिजवी के नेतृत्व में छापेमारी चल रही है https://t.co/Wl1H7dQFul" rel="nofollow pic.twitter.com/D9Vq2AX8Fz
— Alok Kumar Shahi (@alokshahi5) February 26, 2020
एसीबी के अनुसार जिन कार्यालयों एवं प्रतिष्ठानों में भ्रष्टाचार के कारण आम जनता को परेशानी होने की शिकायत मिलती है, उन सभी पर झारखंड सरकार के आदेश पर एसीबी कार्रवाई कर रहा है। बुधवार को चार ठिकानों पर छापेमारी के लिए एसीबी के डीजी नीरज सिन्हा के निर्देश पर डीआइजी व एसपी ने चार टीमें गठित की थी। प्रत्येक टीम को सुरक्षा के लिए जहां सशस्त्र बल उपलब्ध कराए गए थे, वहीं हर टीम में संबंधित विभाग के एक पदाधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया था। छापेमारी में जो त्रुटियां मिली हैं, उसके संबंध में जांच टीम की रिपोर्ट का एसीबी मुख्यालय इंतजार कर रहा है। रिपोर्ट मिलने के बाद संबंधित विभाग को उससे अवगत कराया जाएगा। संबंधित विभाग से आदेश मिलने के बाद एसीबी आगे की कानूनी कार्रवाई करेगा।
डोरंडा थाने में जांच टीम का नेतृत्व एसीबी के डीएसपी वैद्यनाथ कुमार कर रहे थे। वहीं, रांची नगर निगम में डीएसपी सादिक ए. रिजवी, रजिस्ट्री कार्यालय में डीएसपी श्रद्धा केरकेट्टा व डीएसपी राज नारायण सिंह तथा धनबाद नगर निगम में नगर विकास विभाग के नोडल अधिकारी उप सचिव अखिलेश कुमार व सिटी मैनेजर विजय कुमार नेतृत्व कर रहे थे। टीम में यहां एसीबी के दो डीएसपी मुजीबुर्रहमान व रामेश्वर उरांव भी शामिल थे। एसपी चंदन कुमार सिन्हा पूरे मामले की निगरानी कर रहे थे।
कहां क्या मिली अनियमितता
रांची नगर निगम : पानी कनेक्शन के लिए आवेदन बिना तिथि के लिए गए थे। ये आवेदन कब से लंबित हैं, इसकी कोई जानकारी नहीं। आरटीआइ के रजिस्टर व्यवस्थित नहीं थे। ऑफलाइन नक्शे की फाइलें लंबित मिलीं। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन लंबित मिले। इसे समय से निष्पादन किए जाने की कुव्यवस्था मिली। साथ ही अन्य कई तरह की अनियमितताएं भी मिली हैं।
डोरंडा थाना : पुराने मामले लंबित मिले। चरित्र प्रमाण पत्र के आवेदन लंबित मिले। जिस आवेदन की जांच दो महीने में पूरी होनी थी, वह अब तक नहीं हुई। पर्यवेक्षण व पासपोर्ट सत्यापन समय पर निष्पादित नहीं होते हैं। इसके अतिरिक्त भी कई त्रुटियां मिलीं।
रांची रजिस्ट्री ऑफिस : रजिस्ट्री के लिए कितने आवेदन आए, कितने निष्पादित हुए, इसका ब्योरा नहीं मिला। यहां के दस्तावेज की जांच जारी है। यहां दलालों की सक्रियता पर भी एसीबी की टीम छानबीन की, लेकिन अब तक सबूत नहीं मिले हैं।
धनबाद नगर निगम : यहां भी नक्शा शाखा, बाजार शाखा में अनियमितता की जानकारी मिली है। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करने में हो रहे विलंब की भी जानकारी मिली है। जांच अभी जारी है।
प्रिवेंटिव चेक का है प्रावधान
एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के संकल्प में प्रिवेंटिव चेक का प्रावधान है। झारखंड सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग के संकल्प संख्या 1623 के तहत यह अभियान चलाया जा रहा है, जो आगे भी जारी रहेगा। यह संकल्प इसलिए है, ताकि भ्रष्टाचार करने वाले सतर्क हो जाएं और आम लोगों को सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने में परेशानी न हो।
बदले की भावना से जांच करवा रही है सरकार : मेयर
एसीबी की टीम ने बुधवार को रांची नगर निगम कार्यालय में छापेमारी की। इस दौरान टीम ने राजस्व शाखा, बाजार शाखा आदि में घंटो अधिकारियों से बातचीत की। इधर, मेयर आशा लकड़ा ने इस छापेमारी पर कहा कि यह सरकार बदले की भावना से काम कर रही है। नगर निगम एक ऑटोनोमस बॉडी है। जहां बिना किसी पूर्व सूचना के जांच नहीं कराई जा सकती है। वो भी तब जब किसी प्रकार के भ्रष्टाचार की कोई सूचना न हो। एसीबी को इसमें मोहरा बनाया गया है। सरकार विकास कार्यों को बाधित कर रही है।
एसीबी को रोकना मेयर का गलत कदम : कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने एक बयान जारी कर कहा है कि मेयर ने जिस प्रकार एसीबी अधिकारियों को जांच करने से रोका, वह निंदनीय है। मुख्य सचिव ने पहले ही राइट टू सर्विस एक्ट का अनुपालन सख्ती के साथ करने की बात कही है। एसीबी के अधिकारियों ने राज्य के कई कार्यालयों में प्रिवेंटिव मेजर के तहत निरीक्षण करने का काम किया है। महागठबंधन सरकार तय समय-सीमा के अंदर लोगों को जनसुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है।