एसीबी मुख्यालय में आरके आनंद से तीन घंटे तक पूछताछ
रांची 34वें राष्ट्रीय खेल के दौरान बहुचर्चित घोटाले में फंसे राष्ट्रीय खेल आयोजन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष से तीन घंटे तक पूछताछ की।
रांची : 34वें राष्ट्रीय खेल के दौरान बहुचर्चित घोटाले में फंसे राष्ट्रीय खेल आयोजन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष आरके आनंद से एसीबी मुख्यालय में शुक्रवार को तीन घंटे तक पूछताछ हुई। कांड की जांच कर रहे अनुसंधानकर्ता डीएसपी सादिक अनवर रिजवी ने घोटाले के प्रत्येक बिंदुओं पर पूछताछ की। अब वे इससे संबंधित रिपोर्ट तैयार कर हाई कोर्ट में दाखिल करेंगे।
हाई कोर्ट में आरके आनंद ने याचिका दायर की थी। उनकी याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने एसीबी से रिपोर्ट मांगी थी। एसीबी ने आरके आनंद के खिलाफ जो अतिरिक्त सबूत हाई कोर्ट में दाखिल किए हैं, उसपर उनका पक्ष नहीं लिया था। इसके बाद ही हाई कोर्ट ने एसीबी को आदेश दिया था कि कोर्ट में दाखिल अतिरिक्त सबूत के बिंदु पर भी उनका (आरके आनंद) का पक्ष लें और उसे दाखिल करें। हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में ही एसीबी ने नोटिस देकर आरके आनंद से पूछताछ की।
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आरके आनंद पर आरोप आरके आनंद राष्ट्रीय खेल आयोजन समिति (एनजीओसी) के कार्यकारी अध्यक्ष थे। उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त था। खेल की तैयारी और इसके आयोजन के दौरान उन्हें अक्सर राची आना पड़ता था। राजकीय अतिथिशाला में उनके ठहरने की व्यवस्था थी। सरकार ने ही परिवहन व सुरक्षा की व्यवस्था की थी। इसके बावजूद आरके आनंद राजकीय अतिथिशाला में नहीं ठहरते थे। वे एक होटल में कई बार ठहरे, जिस पर 9.81 लाख रुपये खर्च हुए। इस राशि का भुगतान एनजीओसी ने किया। जाच रिपोर्ट में इसे सरकारी नियमों का उल्लंघन बताया गया। खेल घोटाले की जाच जब निगरानी को दी गई, तब आनंद के एक होटल में ठहरने से जुड़े कागजात भी निगरानी के हाथ लगे थे। चार साल तक मामले की छानबीन की गई थी।
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दो दिन पूर्व ही तत्कालीन खेलमंत्री जा चुके हैं जेल 34वा राष्ट्रीय खेल घोटाला में तत्कालीन खेल मंत्री बंधु तिर्की दो दिन पूर्व ही गिरफ्तार कर जेल जा चुके हैं। वे अभी एसीबी कोर्ट से 14 दिनों के न्यायिक हिरासत में हैं। 34वां राष्ट्रीय खेल घोटाला 28.34 करोड़ रुपये का है। इसमें जरूरत से अधिक खेल सामग्री खरीदी गई थी। इसके साथ ही सामग्री अधिक मूल्य पर भी खरीदी गई थी। खेल सामग्री खरीद के लिए निविदा समिति बनी थी। इसमें एनजीओसी के महासचिव एसएम हाशमी और कोषाध्यक्ष मधुकात पाठक थे। उस दौरान खेल निदेशक पीसी मिश्रा थे। इस घोटाले में तीनों के विरुद्ध एसीबी पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। फिलहाल सभी जमानत पर हैं।