Aatm Nirbhar Bharat: SAIL ने बनाई सुपर डुप्लेक्स स्टेनलेस स्टील, तेल के कुओं में प्रयोग को अब नहीं रहना होगा दूसरे देशों पर निर्भर
Aatm Nirbhar Bharat. आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सेल इंडिया का बड़ा कदम। अभी तक स्टेनलेस स्टील का यह ग्रेड मुख्य रूप से आयात किया जाता है।
रांची, जासं। Aatm Nirbhar Bharat स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के सेलम इस्पात संयंत्र ने एसएस 32205 ग्रेड का हाइली कोरोसन रेजिस्टेंस सुपर डुप्लेक्स स्टेनलेस स्टील विकसित करने की क्षमता हासिल की है। ये भारत की कोरोजन रेजिस्टेंस स्टील के तकनीकी विकास के क्षेत्र में एक बड़ी सफलता है। सेल इस ग्रेड का स्टील विकसित करने वाले देश के चुनिन्दा इस्पात उत्पादकों में से एक है। अभी तक स्टेनलेस स्टील का यह ग्रेड मुख्य रूप से आयात किया जाता है।
यह सुपर डुप्लेक्स स्टेनलेस स्टील बेहद मजबूत और टिकाऊ होने के साथ ही हाइली कोरोसन रेजिस्टेंस भी है। इस स्टील का मुख्य रूप से इस्तेमाल तेल के कुएं के साथ कुछ विशेष रक्षा उत्पाद बनाने में भी किया जाता है। आज से पहले भारत को इस स्पेशल ग्रेड के स्टील के लिए आस्ट्रेलिया के साथ कई अन्य देशों पर निर्भर रहना पड़ता था। सेल की इस सफलता से करोड़ों रुपये के आयात पर रोक लगेगी।
सेल अध्यक्ष ने दी बधाई
सेल के अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी ने इसके लिए कंपनी के सभी लोगों को बधाई दी है। इसके साथ ही कहा कि सेल ने भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत और “वोकल फॉर लोकल” अभियान से प्रेरित होकर ऐसे स्टील के विकास में लगातार लगा हुआ है। इस ग्रेड का स्टील विकसित करने से हम कुछ चुनिन्दा इस्पात उत्पादकों में से एक हो गए हैं।
यह स्टील बेहद मजबूत और टिकाऊ होने के साथ ही हाइली कोरोसन रेजिस्टेंस भी होगा। इस हाइ-एंड-ग्रेड का विकास इसी दिशा में एक प्रयास है। हम "मेकिंग इन इंडिया" और "मेकिंग फॉर इंडिया" में सक्रिय रूप से भागीदारी निभाने और जो देश के बुनियादी ढांचे के विस्तार के लिए आवश्यक इस्पात की आपूर्ति करने के लिए तैयार हैं।
कई तरह की औद्योगिक मशीन बनाने में होता है इस्तेमाल
हाइली कोरोसन रेजिस्टेंस अपनी खास विशेषताओं के कारण इसका इस्तेमाल कई भारी और महत्वपूर्ण औद्योगिक मशीन बनाने में किया जाता है। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से केमिकल प्रोसेसिंग इक्विपमेंट (परिवहन और भंडारण, प्रेशर वेसेल्स, टैंक, पाइपिंग और हिट एक्सॉस्ट) में किया जा सकता है।
इसके साथ ही तेल और गैस की खोज (प्रोसेस उपकरण, पाइप, ट्यूबिंग, समुद्री और अन्य उच्च क्लोराइड वातावरण), लुगदी और कागज उद्योग (डाइजेस्टर और ब्लीचिंग उपकरण) से जुड़े मशीन बनाने के लिए भी किया जाता है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के उपकरण और जैव ईंधन संयंत्र में भी इसका प्रभावी तरीके से उपयोग किया जा सकता है।
भारत के लिए महत्वपूर्ण है सेल का सेलम प्लांट
सलेम स्टील प्लांट का सेल का एक विशेष संयंत्र है। इसे भारत के लिए कुछ बेहद महत्पूर्ण संयंत्रों में से एक माना गया है। ये गुणवत्ता वाले स्टेनलेस स्टील के उत्पादन में माहिर है। सेलम स्टील प्लांट द्वारा विकसित यह नया ग्रेड औस्टेनाइटिक और फेरिटिक के औसतन समान अनुपात अनुपात के दो फेज की धातु संरचना है, जिसे बेहतर क्लोराइड स्ट्रेस कोरिजन और क्लोराइड पीटिंग कोरिजन प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है।
क्या है एसएस32205 ग्रेड स्टील
साधारण स्टेनलेस स्टील में क्रोमियम और निकेल की मात्रा होती है। इसके साथ ही अन्य यौगिकों का इस्तेमाल इसकी गुणवक्ता को बढ़ाता है। सुपर डुप्लेक्स स्टेनलेस स्टील एसएस 32205 ग्रेड में 3 प्रतिशत मोलिब्डेनम होता है। इससे पहले सेल का सेलम संयंत्र 0.4% मोलिब्डेनम से युक्त डुप्लेक्स स्टेनलेस स्टील एसएस 32202 ग्रेड का उत्पादन कर रहा था। इस नए ग्रेड में करोजन रिजिसटेन्स, मजबूती और टिकाऊपन जैसे बेहतर गुण इसमें मौजूद क्रोमियम, मोलिब्डेनम और नाइट्रोजन से आते हैं। इसके साथ ही ये यौगिक इसे पतले गेज में भी लचिलापन देते हैं।