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फिर राष्ट्रीय फलक पर चमकेगा ओरमांझी का आरा-केरम

केंद्र सरकार की टीम बनाएगी आदर्श आरा-केरम गांव पर लघु फिल्म

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 11:41 PM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 11:41 PM (IST)
फिर राष्ट्रीय फलक पर चमकेगा ओरमांझी का आरा-केरम
फिर राष्ट्रीय फलक पर चमकेगा ओरमांझी का आरा-केरम

राज्य ब्यूरो, रांची : रांची के ओरमांझी प्रखंड का आरा-केरम गांव किसी पहचान का मोहताज नहीं है। साफ-सुथरा मच्छर मुक्त गांव। यह पूरी तरह नशामुक्त भी है। यहां के ग्रामीण अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में भी इस गांव का जिक्र दो-दो बार कर यहां के लोगों से प्रेरणा लेने की बात कही है। इस गांव की तस्वीर पूरे देश को दिखाने के लिए केंद्र सरकार के स्तर से एक लघु फिल्म तैयार की जा रही है, ताकि डिजिटल माध्यम से आरा-केरम गांव की जानकारी पूरे देश से साझा की जा सके। आरा-केरम गांव में कोराना संक्रमण काल में भी मनरेगा और उसके कन्वर्जन के माध्यम से बहुत कुछ नया किया गया है।

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केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा सूचीबद्ध् चार सदस्यीय टीम एक नवंबर को रांची पहुंचेगी और चार नवंबर तक रांची जिले के ओरमांझी प्रखंड के अंतर्गत आने वाले आरा-केरम गांव में मनरेगा अंतर्गत आम बागवानी और पशु शेड से हो रहे लाभुकों के लाभ पर एक सक्सेस स्टोरी फिल्म शूट करेगी। राज्य सरकार के ग्रामीण विकास विभाग ने टीम को सहयोग करने के लिए राज्य मनरेगा कोषांग के उप निदेशक अनुपम भारती को इसकी जवाबदेही सौंपी है। टीम खूंटी के गुनी, मानपुर आदि गांवों का भी दौरा कर लघु फिल्म तैयार करेगी। दरअसल, केंद्र सरकार ने खुद माना है कि कोरोना संक्रमण काल में मनरेगा के अंतर्गत बड़े पैमाने पर रोजगार के सृजन के साथ-साथ किसानों और ग्रामीणों के लिए स्थायी परिसंपत्तियों का भी निर्माण किया गया। कुआं, तालाब या बागवानी जैसी स्थायी संपत्तियां सालों-साल ग्रामीणों की आय का साधन बनेंगी। अब देश के चुनिदा जिलों का चयन कर सक्सेस स्टोरी फिल्म केंद्र सरकार के स्तर से तैयार की जा रही है।

बता दें कि झारखंड में मनरेगा के अंतर्गत बड़े पैमाने पर न सिर्फ श्रमिकों को रोजगार दिलाया गया है, बल्कि परिसंपत्तियों का भी सृजन किया गया है। जल संरक्षण और बागवानी के क्षेत्र में काफी कुछ नया किया गया है। हाल ही में 35 दिनों के लिए चलाए गए विशेष अभियान के तहत 1.62 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया गया। इस विशेष अभियान को अब अगले 105 दिनों के लिए चलाया जा रहा है, इसके तहत चार करोड़ मानव दिवस के सृजन का लक्ष्य रखा गया है।

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