छठ पूजा : दीपावली के बाद पूरी तरह साफ होंगे राजधानी के तालाब
नगर निगम द्वारा छठ पूजा के लिए तालाबों की सफाई दीपावली के बाद की जाएगी। शहर के ज्यादातर तालाबों में गंदगी पसरी हुई। कुछ तालाबों की सफाई शुरू भी कर दी गई है।
रांची, जासं। छठ पर्व की तैयारी के तहत नगर निगम ने चिह्नित तालाबों की सफाई तो शुरू करा दी है। फिर भी कुछ तालाब जलकुंभी व कमल के फूल से भरे पड़े हैं। मेयर, डिप्टी मेयर व नगर निगम के अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान नगर निगम के सफाईकर्मियों ने तत्परता के साथ संबंधित तालाबों की सफाई की। निगम के अधिकारियों की मानें तो दीपावली के बाद कुछ तालाबों में काली की मूर्ति व पूजन सामग्री विसर्जित किए जाएंगे।
विसर्जन के बाद पुन: उन तालाबों की सफाई करानी होगी। खासकर तालाबों में विसर्जित मूर्तियों को जल्द से जल्द निकालना होगा। बताया कि चिह्नित तालाबों में पूजन सामग्री के विसर्जन के लिए बांस की घेराबंदी कर जलकुंड का निर्माण कराया गया है। शहरवासी जलकुंड में ही पूजन सामग्री विसर्जित करें, ताकि तालाब का पानी दूषित न हो और तालाब में गंदगी न फैले। मूर्ति विसर्जन के बाद मूर्तियों के अवशेष व पूजन सामग्री के अवशेष जलकुंड से निकाल लिए जाएंगे। उसके बाद विभिन्न जलाशयों के पानी को साफ करने के लिए एलम, चूना व ब्लीचिंग पाउडर डाले जाएंगे। ताकि छठ पूजा से पूर्व जलाशयों का पानी छठव्रतियों के लिए स्वच्छ हो जाए।
जेल तालाब तालाब के एक हिस्से में विसर्जित मूर्तियों व पूजन सामग्रियों के अवशेष निकाल कर रख दिए गए हैं। तालाब साफ हो चुका है। चडरी तालाब तालाब परिसर में बनाया गया जलकुंड पूजन सामग्रियों के अवशेष से भरा पड़ा है। तालाब काफी गहरा है।अरगोड़ा तालाब छठ पूजा के लिए तालाब परिसर में घास व झाड़ियों की कटाई हो चुकी है। जलकुंड में विसर्जित किए गए पूजन सामग्रियों के ढेर पड़े हुए हैं।
बटम तालाब मेयर के निर्देश के बाद भी बटम तालाब से कमल के फूलों को निकालने का काम अब तक पूरा नहीं हुआ है। तालाब में पूजन सामग्रियों के विसर्जन के लिए जलकुंड का निर्माण कराया गया है। मत्स्य तालाब एचईसी स्थित मत्स्य तालाब छठव्रतियों के लिए तैयार है। तालाब का जल स्वच्छ है। धुर्वा डैम धुर्वा डैम छठव्रतियों के लिए तैयार है। डैम में पानी काफी है। लिहाजा छठ के दौरान इस स्थल पर एनडीआरएफ की टीम तैनात रहेगी।
जगन्नाथपुर तालाब नगर निगम के सफाईकर्मियों ने जगन्नाथपुर तालाब की सफाई आंशिक रूप से पूरी कर ली है। हालांकि तालाब के आधे हिस्से में कमल के फूल व जलकुंभी फैले हुए हैं। तालाब के किनारों पर घास की जड़े अभी भी मौजूद हैं जो पानी की सतह के उपर दिखाई दे रही है।