झारखंडी संस्कृति की रक्षा के लिए युवा आएं आगे
झारखंड के युवाओं को झारखंडी संस्कृति को बचाने के लिए आगे आना होगा। ये बाते कहीं खेल मंत्री अमर बाउरी ने।
रांची : झारखंड कला संस्कृति की धरती है। यहा के कलाकार और यहा की कला देश दुनिया तक कैसे पहुंचे इसके लिए सरकार और विभाग काम कर रही है। इसी के तहत विभाग ने स्थानीय कलाकारों के लिए सभी जिले में सुबह सवेरे और शनि परब जैसे कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें मंच दिया है। ये बातें कला संस्कृति मंत्री अमर कुमार बाउरी ने खेलगाव स्थित कला भवन में आयोजित कर्मा पूजा पूर्व संध्या सह सम्मान समारोह में कहीं। वहीं पद्मश्री मुकुंद नायक ने कहा कि आज हमारी कला-संस्कृति लुप्त हो रही है। युवा इसे अपनाने से बच रहे है। यहां की कला को बचाने के लिए सरकार के साथ एशोसिएशन, कलाकार, युवा और स्थानीय लोगों को साथ आना होगा। तभी हमारी आने वाली पीढ़ी अपनी संस्कृति को जान सकेगी।
इसके अलावा मंत्री अमर बाउरी ने कहा कि झारखंड कल्चरल आर्टिस्ट एशोसिएसन स्थानीय कलाकारों को जोड़ रही है और वर्तमान में एशोसिएशन से 900 से अधिक कलाकार जुड़े हुए हैं। सरकार भी स्थानीय कलाकारों को आगे बढ़ाने के लिए कटिबद्ध है। सरकार ने राज्य में फिल्म नीति का निर्माण किया है। लेकिन स्थानीय कलाकारों को इसका फायदा कम मिल रहा है। साथ ही उन्होंने एशोसिएशन से आग्रह भी किया कि वे स्थानीय कला को आगे बढ़ाने के लिए फिल्म तकनीक का इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि सरकार स्थानीय कलाकारों द्वारा बनायी जा रही फिल्म को भी सब्सिडी दे रही है। स्थानीय कलाकार भी इसका लाभ उठायें। सरकार राज्य की कला को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव मदद करने को तैयार है। कार्यक्रम में झारखंड कल्चरल आर्टिस्ट एशोसिएशन की स्मारिका का विमोचन किया गया। इस मौके पर पद्मश्री मुकुंद नायक के साथ अन्य कलाकार भी मौजूद थे। वहीं कार्यक्रम की शुरूआत जोआ की पूजा से हुई। एशोसिएशन के कलाकरों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। वहीं इस दौरान कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने वाले कलाकारों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में कला संस्कृति निदेशक अशोक कुमार सिंह, कला संस्कृति मंत्री के आप्त सचिव सुशात मुखर्जी, अनिल ठाकुर, सुशील अंकन सहित एशोसिएशन के पदाधिकारी व कलाकार उपस्थित थे।