प्लॉट-प्राॅपर्टी के खेल में हर तरफ फर्जीवाड़ा, एक ही डीड नंबर पर दो-दो दाखिल खारिज; जानें पूरा मामला
खुलासा हुआ कि एक ही नंबर के दो अलग-अलग डीड पर अलग-अलग खरीदारों के नाम जमीन का दाखिल खारिज कर दिया गया है। खास बात यह है कि दोनों डीड में विक्रेता भी अलग-अलग हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। राजधानी रांची के नामकुम अंचल में अनियमितता के एक ऐसे मामले का खुलासा हुआ है, जिसमें फर्जी कागजात पर दाखिल खारिज हो गया। एक ऐसे डीड को आधार बनाकर दाखिल खारिज किया गया, जिसके सत्यापन में यह खुलासा हुआ कि एक ही नंबर के दो अलग-अलग डीड पर अलग-अलग खरीदारों के नाम जमीन का दाखिल खारिज कर दिया गया है। खास बात यह है कि दोनों डीड में विक्रेता भी अलग-अलग हैं। जांच में पाया गया कि जिस डीड पर दाखिल खारिज हुआ, वह पूरी तरह फर्जी है।
लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय के आदेश पर कार्यपालक दंडाधिकारी शशि नीलिमा डुंगडुंग ने पूरे मामले की जांच के बाद इस गड़बड़ी को पकड़ा है। उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट लोकायुक्त कार्यालय को सौंप दी है। शिकायतकर्ता कुंदन शर्मा ने लोकायुक्त कार्यालय में लिखित शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि उनके पिता हरिहर मिस्त्री ने 1973 में नामकुम के बरगांवा मौजा में एक एकड़, एक डिसमिल जमीन बिरसा लोहार व लखू लोहार से खरीदी थी।
उसी समय दाखिल खारिज कराने के बाद वह लगातार जमीन का लगान देते आए हैं। सत्यापन में भी इसकी पुष्टि हुई। इसी जमीन पर दूसरा दावेदार बंटी लोहार सामने आ गया। उसने एक डीड प्रस्तुत किया, जिसमें बताया गया कि नामकुम के बरगावां मौजा की वह जमीन उसके पिता वंशी लोहार के नाम पर है। इस नाम पर उसने दाखिल खारिज भी करा ली थी। इसमें अंचल कार्यालय नामकुम का भी उसे सहयोग मिला था।
जब बंटी लोहार के डीड की जांच की गई तो पता चला कि वह डीड सिल्ली के हजाम निवासी झुमुकलाल कोयरी के नाम पर है। उस डीड की जमीन भी दूसरी है और विक्रेता भी सिल्ली के ही हैं। जांच में जालसाजी के इस बड़े मामले का खुलासा हुआ है।