आकाशीय बिजली का प्रकोप, झारखंड में 9 लोगों की गई जान Ranchi News
Jharkhand. राज्य में दो दिनों के अंदर 19 लोगों की मौत वज्रपात से हो गई है। घटना चतरा दुमका लातेहार और गढ़वा आदि जिलों में हुई है।
रांची, जेएनएन। झारखंड में मानसून भले ही अपनी बेरुखी दिखा रही हो, लेकिन राज्य के कई जगहों पर हो रही बारिश के साथ वज्रपात कहर ढा रही है। झारखंड में विभिन्न जिलों में वज्रपात की घटनाओं में नौ लोगों की मौत हो गई है। सर्वाधिक चार मौतें चतरा में हुईं। यहां तेज बारिश के साथ हुए वज्रपात की पांच घटनाओं में तीन महिलाओं सहित एक पुरुष की मौत हो गई। वहीं घायलों में एक बालिका और एक पुरुष शामिल हैं। दोनों की स्थिति गंभीर है।
प्राथमिक उपचार के बाद सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए रिम्स रेफर कर दिया है। इनके अलावा चार पशुओं की भी मौत हो गई। वज्रपात की पहली घटना असढिया गांव में हुई। गांव के नागेश्वर यादव की पत्नी कविया देवी व दो पशु इसके शिकार हुए। दूसरी घटना भगवनिया गांव में हुई। यहां पर युगलकिशोर साव की पत्नी यशोदा देवी और कामेश्वर रजक की पत्नी जीरा देवी को वज्रपात ने चपेट में ले लिया। टंडवा प्रखंड के सेरनदाग गांव के समीप वज्रपात में चरकू राम नाम केराहगीर की मौत हो गई।
चरकू राम हजारीबाग जिले के बड़कागांव के सोनपुर गांव का रहने वाला था। चौथी घटना सदर प्रखंड के ङ्क्षसदुवारी गांव में हुई। इसमें नारायण साव घायल हो गया और दो मवेशियों की मौत हो गई। पांचवीं घटना में गिद्धौर प्रखंड के पांडेयबागी गांव में पांच वर्षीय बच्ची जख्मी हो गई। लातेहार के चंदवा थाना क्षेत्र के दुधीमाटी (लाधुप) में रैलू गंझू (पिता राजू गंझू) व मनोज गंझू (पिता स्व. रवि गंझू) खेत में मकई की निकाई कर रहे थे। इसी दौरान बूंदा-बांदी शुरू हो गई। पानी से बचने के लिए ये लोग पास के एक पेड़ नीचे चले गए। इसी दौरान हुए वज्रपात से दोनों की मौत हो गई।
गढ़वा के रमना थाना क्षेत्र से होकर गुजरी एनएच 75 पर मंगलवार की दोपहर वज्रपात में कविसा निवासी आशुतोष यादव (17 वर्ष) की मौत हो गई। वहीं एक युवती की मौत वज्रपात की तेज आवाज की वजह से दिल का दौरा पडऩे से हो गई। सोमवार को भी राज्य में दस लोगों की मौत वज्रपात से हुई थी। उधर, दुमका के बासुकीनाथ में सोमवार को वज्रपात से जख्मी फूलमनी हेम्ब्रम (42) ने मंगलवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।