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बिजली विभाग में झोल ही झोल...9 अफसरों पर केस का आदेश, विभागीय कार्यवाही तक नहीं हुई

बिजली बिल में हेरफेर कर 3.5 करोड़ का घोटाला करने के मामले में दागी अफसर अब भी उच्च पदों पर बने हुए हैैं । जबकि जांच में इन अफसरों पर आरोप प्रमाणित हो चुका है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 05:07 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 05:07 PM (IST)
बिजली विभाग में झोल ही झोल...9 अफसरों पर केस का आदेश, विभागीय कार्यवाही तक नहीं हुई
बिजली विभाग में झोल ही झोल...9 अफसरों पर केस का आदेश, विभागीय कार्यवाही तक नहीं हुई

रांची, [प्रदीप सिंह]। सबकुछ बदल जाए, लेकिन झारखंड का बिजली महकमा ऐसा है कि पटरी पर आने का नाम ही नहीं लेता। यहां राज्य गठन के बाद जितने घोटाले हुए, उससे ज्यादा घोटाले घोटालेबाज अफसरों को बचाने के लिए हुए। इसके लिए फाइलें दबाई गई। एक बार आदेश मिलने के बाद दोबारा अफसरों की डांट-फटकार के बाद ही आदेश पारित हुआ। वर्षों पुराने मामले में जांच के नाम पर कमेटी दर कमेटी बनती गई। जब केस करने का आदेश दिया गया तो आरोपित पदाधिकारियों को हटाने तक की जहमत नहीं उठाई गई। यही नहीं, अभियोजन का आदेश तो मिला लेकिन विभागीय कार्यवाही तक नहीं की गई। इस पर वरीय अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है जबकि अधिकतर का प्रमोशन हो गया और वे प्रमुख पदों पर बने हुए हैैं। इस घोटाले में संलिप्त कुछ पदाधिकारी रिटायर भी हो चुके हैैं।  

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नौ साल से ज्यादा पुराने इस मामले में शुरुआत में 19 पदाधिकारियों के नाम सामने आए थे। जांच के बाद नौ लोगों को दोषी पाया गया। इसमें से कुछ रिटायर हो चुके हैैं। मामला विद्युत आपूर्ति प्रमंडल, आदित्यपुर, जमशेदपुर का है। इस बाबत जमशेदपुर के बिष्टुपुर थाने में 12 सितंबर 2011 को केस दर्ज किया गया था। अफसरों पर आरोप है कि इन लोगों की मिलीभगत से विभिन्न बिलिंग एजेंसियों को करीब 3.5 करोड़ का अधिक भुगतान किया गया।

इन बिलिंग कंपनियों को लाभ पहुंचाया

मेसर्स क्रिस्टल, मेसर्स इंफोसाफ्ट डाटा, मेसर्स प्रकृति इंटरप्राइजेज व मेसर्स वीएक्सएल।

इन पदाधिकारियों पर आरोप प्रमाणित

नाम - वर्तमान पोस्टिंग

1. संजय कुमार - महाप्रबंधक सह मुख्य अभियंता, रांची

2. अजीत कुमार - अधीक्षण अभियंता, धनबाद

3. धनेश झा - सेवानिवृत

4. प्रतोष कुमार - अधीक्षण अभियंता, धनबाद

5. सुकरू खडिय़ा - सेवानिवृत

6. गोपाल मांझी - कार्यपालक अभियंता (मुख्यालय), रांची

7. मुकुल कुमार गोरवड़े - अधीक्षण अभियंता, चास

8. हरेंद्र कुमार सिंह- महाप्रबंधक सह मुख्य अभियंता, दुमका

9. ओपी अंबष्ठ - सेवानिवृत

अभियोजन के लिए स्वीकृति दी जा चुकी है। मैैं अभी दिल्ली में हूं। इससे ज्यादा और कुछ नहीं बता सकता। राहुल पुरवार, एमडी, बिजली वितरण निगम 


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