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7th JPSC Exam: तीन सदस्यीय कमेटी की अनुशंसा पर होगी सातवीं जेपीएससी परीक्षा

7th JPSC Exam. विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बनी कमेटी के सदस्य होंगे कार्मिक और वित्त सचिव। मुख्यमंत्री तक पहुंचा प्रस्ताव उनके निर्णय के बाद ही टीम गठन पर लगेगी मुहर।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 01 Mar 2020 09:06 AM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2020 05:12 PM (IST)
7th JPSC Exam: तीन सदस्यीय कमेटी की अनुशंसा पर होगी सातवीं जेपीएससी परीक्षा
7th JPSC Exam: तीन सदस्यीय कमेटी की अनुशंसा पर होगी सातवीं जेपीएससी परीक्षा

रांची, [आशीष झा]। सातवीं जेपीएएसी परीक्षा रद होने की अनुशंसा के बाद सरकार ने साफ कर दिया है कि परीक्षा सही तरीके से और सही समय पर होगी। त्रुटियों का निराकरण कर परीक्षा के लिए फिर से विज्ञापन निकला जाएगा। फिलहाल इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी के गठन का प्रस्ताव दिया गया है, जिसकी अध्यक्षता विकास आयुक्त सुखदेव सिंह करेंगे। कमेटी में सदस्य के तौर पर वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल और कार्मिक विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह होंगे।

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मुख्य सचिव कार्यालय से होते हुए यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री तक पहुंच चुका है और उनके निर्णय के बाद कमेटी पर मुहर लगेगी। इस बीच, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि  सरकार राज्य के युवाओं का अहित होने नहीं देगी। उन्होंने सातवीं संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा रद होने पर यह संदेश जारी किया है। मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर दैनिक जागरण में शनिवार को परीक्षा रद करने को लेकर छपी खबर को टैग भी किया है।

शनिवार को मुख्यमंत्री ने कहा है कि झारखंडी युवाओं के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए सातवीं जेपीएससी की परीक्षा को रद कर दिया गया है। शीघ्र ही इससे जुड़े मसलों को सुलझा लिया जाएगा तथा इस परीक्षा की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। यह सरकार युवाओं के प्रति संवेदनशील है और उसका अहित होने नहीं देगी। संदेश के निहितार्थ को मानें तक शीघ्र ही परीक्षा से संबंधित विवादों को सुलझा लिया जाएगा।

आयोग ने परीक्षा रद करने की दी सूचना

शनिवार को विज्ञापन जारी कर झारखंड लोक सेवा आयोग ने राज्य सरकार के आदेश पर सातवीं सिविल सेवा संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2017-19 को रद कर दिया। आयोग ने इस संबंध में सूचना जारी कर दी। इसमें कहा गया है कि कार्मिक विभाग द्वारा इस प्रतियोगिता परीक्षा से संबंधित विभिन्न विभागों की अनुशंसाएं वापस लिए जाने के कारण आयोग द्वारा इस संबंध में प्रकाशित विज्ञापन रद किया जाता है।

इससे पहले कार्मिक विभाग ने शुक्रवार को ही सातवीं सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा से संबंधित विभिन्न विभागों की अनुशंसाएं वापस करने तथा परीक्षा रद करने को लेकर जेपीएससी के सचिव को पत्र भेज दिया था। दैनिक जागरण ने शनिवार के अंक में ही सबसे पहले 'सरकार ने रद की सातवीं सिविल सेवा परीक्षा' शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।

पहले प्रकाशित विज्ञापन में आरक्षण का नहीं था प्रावधान

बता दें कि आयोग द्वारा इस परीक्षा को लेकर जारी विज्ञापन में इसकी प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण का प्रावधान नहीं किया गया था। राज्य सरकार ने इस कारण ही परीक्षा रद करने का निर्णय लिया। छठी सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में भी आरक्षण नहीं देने के कारण काफी विवाद हुआ था जिस कारण आयोग को तीन-तीन बार संशोधित परिणाम जारी करना पड़ा था। इसपर विवाद अभी भी जारी है।

छठी सिविल सेवा परीक्षा जैसा हश्र नहीं चाहती सरकार

राज्य सरकार सातवीं जेपीएससी परीक्षा का हश्र छठी सिविल सेवा जैसा नहीं होने देना चाहती। इसी कारण शुरू में ही नियुक्ति प्रक्रिया रद करने का निर्णय लिया गया। हालांकि इस परीक्षा को लेकर विज्ञापन जारी होने के बाद इसे रद करने को लेकर राज्य सरकार और झारखंड लोक सेवा आयेाग के बीच समन्वय पर सवाल उठ रहे हैं।

20 वर्षों में महज पांच परीक्षा पूरी

झारखंड का गठन हुए 20 साल हो चुके हैं, लेकिन राज्य में अभी तक महज पांच सिविल सेवा परीक्षा ही पूरी हो सकी है। छठी सिविल सेवा परीक्षा में भी पांच साल से अधिक समय लग गए। हालांकि इसका साक्षात्कार चल रहा है।


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