झारखंड के 54 लाख घरों में पहुंचेगा नल का पानी : हेमंत सोरेन
मुख्यमंत्री ने की पेयजल एवं स्वछता विभाग की समीक्षा अधिकारियो को दिए योजना में तेजी लाने के निर्देश
रांची ब्यूरो : झारखंड में महज 11 फीसद ग्रामीण आबादी को ही नल के जल (टैप वॉटर) की सुविधा मिल रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस दायरे में तेजी से विस्तार करते हुए घर-घर नल से जल उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। सोमवार को झारखंड मंत्रालय में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि प्रत्येक ग्रामीण परिवारों को नल ले जल की सुविधा मुहैया कराई जाए। उन्होंने कहा कि राज्य के 54 लाख से अधिक घरों को इस योजना से जोड़ना है। इसके लिए समयबद्ध तरीके से कार्य पूर्ण करें, जिससे ग्रामीणों को नल से शुद्ध जल उपलब्ध हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर समयबद्ध तरीके से कार्य पूर्ण नहीं किया गया तो कई परिवार इस योजना का लाभ लेने से वंचित रह जाएंगे। योजना के समय एवं गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें और कार्य की गति को बढ़ाएं। बता दें कि राज्य के 24 जिलों में से 14 जिलों में नल जल का कवरेज 10 फीसद या उससे कम है। वहीं, 13 जिलों का कवरेज एरिया 11-25 फीसद के दायरे में है। सिर्फ राजधानी रांची का कवरेज 25 फीसद से अधिक है। हर घर नल कनेक्शन के पूरे राज्य का औसत 10.35 फीसद है। 54.08 लाख ग्रामीण परिवारों में से महज 5.59 लाख परिवारों के पास ही नल जल की सुविधा है। हालांकि हाल के दिनों में इस योजना पर तेजी से काम हुआ है। गत वर्ष 15 अगस्त को ग्रामीण क्षेत्रों में नल जल का कवरेज एरिया महज 6.38 फीसद तक सीमित था।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने नगर विकास विभाग द्वारा स्वीकृत शहरी जलापूर्ति योजना, जल जीवन मिशन की भौतिक प्रगति, गृह संयोजन की स्थिति, भारत सरकार से राशि प्राप्त तथा उसके व्यय की ताजा स्थिति की जानकारी अधिकारियों से ली। बैठक में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, पेयजल एवं स्वच्छता सचिव प्रशांत कुमार, स्वच्छ भारत मिशन की निदेशक नैंसी सहाय, मुख्य अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग व अन्य विभागीय पदाधिकारी उपस्थित थे। ----------
भू-गर्भ जल संवर्धन पर ध्यान दें मुख्यमंत्री ने कहा कि लघु जलापूर्ति योजना के तहत पंचायत- टोला स्तर पर ग्रामीणों को सौर ऊर्जा आधारित बोरिग के माध्यम से जल उपलब्ध कराया जा रहा है, उसके रख-रखाव के प्रति ग्रामीणों को जागरूक करना जरूरी है। इसके रख-रखाव को लेकर किसी प्रकार की कोताही न हो। ग्रामीण क्षेत्र में बन रहे रिचार्ज पिट के आकार में वृद्धि करें। भू- गर्भीय जल के संवर्धन पर भी ध्यान दें।
-------- वीडियो साझा कर बताएं, पानी मिल रहा है या नहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि साहिबगंज, दुमका समेत अन्य स्थानों में निवास करने वाले आदिम जनजाति परिवार से संबंधित पेयजलापूर्ति योजना से संबंधित वीडियो साझा कर बताएं कि उन्हें पानी मिल रहा है या नहीं। उन्होंने इससे संबंधित निर्माणाधीन 260 योजनाओं का कार्य जल्द पूर्ण करने का निर्देश दिया। कहा, पेयजलापूर्ति योजना से संबंधित जितने भी अंतर विभागीय मामले हैं, उनका समधान किया जाए।
--------- शौचालय निर्माण का सर्वे कराएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्मित शौचालय का सर्वे कराया जाए। लाभुक इसका उपयोग कर रहें हैं या नहीं, यह भी पता करें। कहा, लोगों में व्यवहारगत परिवर्तन की आवश्यकता है। सभी शौचालय में पानी की सुविधा अवश्य हो, इसका ध्यान रखा जाए। सामुदायिक शौचालय के निर्माण पर भी ध्यान दें। सामुदायिक शौचालय निर्माण के लिए बड़े, मंझोले और छोटे टोलों का चयन करें। इन शौचालयों का रख-रखाव मनरेगा के माध्यम से किया जा सकता है।
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