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संसद में झारखंड : नियम विरुद्ध चल रहे देश के 539 चाइल्ड केयर संस्थान बंद

Child Protection. झारखंड एवं बिहार सहित देश के कई चाइल्ड केयर संस्थानों में बाल उत्पीड़न की घटनाओं के बाद कदम उठाया गया है।

By Edited By: Published: Fri, 14 Dec 2018 06:39 AM (IST)Updated: Fri, 14 Dec 2018 01:14 PM (IST)
संसद में झारखंड : नियम विरुद्ध चल रहे देश के 539 चाइल्ड केयर संस्थान बंद
संसद में झारखंड : नियम विरुद्ध चल रहे देश के 539 चाइल्ड केयर संस्थान बंद

रांची, जेएनएन। झारखंड एवं बिहार सहित देश के कई चाइल्ड केयर संस्थानों में बाल उत्पीड़न की घटनाओं के बाद देश के 539 संस्थान बंद किए गए हैं। चाइल्ड केयर संस्थानों को बंद करने की यह कार्रवाई संबंधित राज्य व केंद्र शासित सरकारों की रिपोर्ट के आधार पर की गई है। वैसे सभी संस्थानों को बंद कर दिया गया है जो जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 के तहत निबंधित नहीं हैं अथवा जिनके विरुद्ध जुवेनाइल जस्टिस एक्ट-2015 के उल्लंघन का आरोप प्रमाणित हुआ था।

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राज्यसभा में महेश पोद्दार के प्रश्न का उत्तर देते हुए महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डा वीरेंद्र कुमार ने यह जानकारी दी। बताया कि केंद्र सरकार को विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने अपने राज्य के चाइल्ड केयर संस्थानों के निरीक्षण के बाद रिपोर्ट भेजी है। झारखंड, बिहार, अंडमान और निकोबार, असम, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दादर नगर हवेली, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पुडुचेरी, पंजाब, सिक्किम, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल ने विस्तृत निरीक्षण रिपोर्ट साझा की है। जबकि बाकी के 14 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों ने केवल सारांश भेजा है। उन्होंने अपने सवाल के माध्यम से अलग-अलग और छोटे चाइल्ड केयर संस्थानों में बच्चों को रखने की बजाय हर राज्य में एक बड़ा सुविधायुक्त चाइल्ड केयर संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव भी दिया।

प्रत्युत्तर में केंद्रीय मंत्री ने उन्हें बताया कि भारत सरकार को आज तक संबंधित राज्य सरकारों व केंद्रशासित प्रदेशों से ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। मी टू मूवमेंट के तहत लगे आरोपों की जाच के लिए मंत्री समूह गठित भारत सरकार ने मी टू मूवमेंट के तहत कुछ मामलों के सामने आने के बाद कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से निपटने और रोकने के लिए कानूनी और संस्थागत ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से एक ग्रुप ऑफ मिनिस्टर का गठन किया है।

यह मंत्री समूह विभिन्न मामलों की जाच और प्राप्त निष्कर्षो के आधार पर कार्रवाई की सिफारिश करेगा। महेश पोद्दार के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डा. वीरेंद्र कुमार ने यह जानकारी दी। मंत्री समूह के गठन की अधिसूचना 24 अक्टूबर, 2018 को जारी की गई है। मंत्री समूह में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गाधी को शामिल किया गया है।


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