झारखंड में बालू के 50 खदान हुए बंद, 500 पत्थर खदानों पर भी लगे ताले
Jharkhand. झारखंड में दिनोंदिन छोटे खदान बंद होते जा रहे हैं। राजस्व में कमी की संभावना है। अगले महीने से बालू के खनन पर भी रोक लगने की संभावना है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में कोरोना का असर आम लोगों पर कितना पड़ा है, यह सभी के सामने है। इससे इतर व्यवसाय जगत को भी इस बीमारी के कारण बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। लॉकडाउन शुरू होने के पूर्व झारखंड में सौ के करीब बड़े बालू खदान संचालित थे, उनमें से लगभग 50 बंद हो गए। दूसरी ओर 800 के करीब पत्थर उद्योगों में से महज 300 ही चालू हालत में हैं।
अभी भी इन उद्योगों को चालू नहीं किया गया तो सरकार को राजस्व तो कम मिलेगा ही, बड़े पैमाने पर बेरोजगारी भी बढ़ेगी। और तो और बालू खनन के लिए और बड़ी मुसीबत अगले महीने में शुरू होने की संभावना है, जब एनजीटी के दिशानिर्देश के तहत नदी घाटों से बालू खनन पूरी तरह से चार महीने के लिए बंद कर दिया जाएगा। बालू खनन बंद होने से जहां उसकी कीमत में इजाफा होगा, वहीं बेरोजगारी भी बढ़ेगी।