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Jharkhand: नियोजन नीति के विरोध में झारखंड में 48 घंटे का बंद, सड़कों पर उतरे छात्र; बसों की आवाजाही प्रभावित

Niyojan Niti झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन ने राज्य में 48 घंटे के बंद का आह्वान किया है। छात्रों के बंद का पहले दिन कम असर देखने को मिला। छात्र नेता सड़कों पर उतरकर बंद का समर्थन करने की अपील करते नजर आए।

By Jagran NewsEdited By: Roma RaginiPublished: Sat, 10 Jun 2023 12:24 PM (IST)Updated: Sat, 10 Jun 2023 12:24 PM (IST)
Jharkhand: नियोजन नीति के विरोध में झारखंड में 48 घंटे का बंद, सड़कों पर उतरे छात्र; बसों की आवाजाही प्रभावित
bandh in Jharkhand: नियोजन नीति के विरोध में झारखंड में 48 घंटे का बंद

जागरण संवाददाता, रांची। झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन के आह्वान पर 60-40 नियोजन नीति के विरोध में 48 घंटे के लिए झारखंड बंद किया गया है। रांची में सुबह से ही बस सेवा प्रभावित रही।

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झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष देवेंद्र नाथ महतो के साथ अन्य सदस्य शनिवार सुबह से ही शहर के विभिन्न जगहों पर जाकर दुकानदारों और वाहन चालकों से बंद समर्थन की अपील की। सभी छात्र नेताओं ने खादगढ़ा बस स्टैंड पर जाकर बसों की आवाजाही बंद रखने की अपील करते दिखे।

छात्रों ने आने-जानेवाली बसों को रोकने का प्रयास किया। हालांकि, अहले सुबह जो बसें बाहर से आई, उसे बंद के असर से दूर रखा गया।

बंद में सहयोग करने की अपील

सभी छात्र नेताओं ने राज्य सरकार की नियोजन नीति के विरोध में नारे लगाते दिखे। इस दौरान उन्होंने सभी बस एसोसिएशन, ट्रक एसोसिएशन, दुकानदार संघ, बाजार समितियों को बंद में सहयोग करने की अपील की।

मिल रहा सांसद और विधायक का सहयोग

देवेंद्र नाथ महतो ने कहा कि 31 दिवसीय महा जनांदोलन के प्रथम चरण में 42 सत्ता पक्ष के विधायक समेत कुल 72 विधायकों और 13 सांसदों ने लिखित समर्थन दिया है। दूसरे चरण में संपूर्ण झारखंड के हाट बाजार में मांदर नगाड़ा बजाकर सखुआ पत्ता घुमाकर ग्रामीणों को जागरूक किया गया।

तीसरे चरण में 9 जून को संपूर्ण झारखंड प्रखंड मुख्यालय और जिला मुख्यालय के चौक चौराहा में विशाला मशाल जुलूस निकाला गया। 10 और 11 जून दो दिवसीय झारखंड बंद किया गया है। जिसमें सभी का सहयोग मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि इस बंद से आवश्यक मेडिकल सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया है। बंद को सफल बनाने के लिए झारखंड के विभिन्न आदिवासी मूलवासी सामाजिक संगठन ने अपना समर्थन दिया है।

देवेंद्र ने कहा कि यूनियन की मांग है कि झारखंडी हित में क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा से सुसज्जित खतियान आधारित संवैधानिक नियोजन नीति लागू कर सभी रिक्त पदों पर नियुक्ति की जाए।


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