मकर संक्रांति पर रांची में 45 हजार किलो दही और 22 लाख लीटर दूध की हुई बिक्री
मकर संक्रांति का पर्व दही और चुड़ा के बिना अधुरा है। ऐसे में रांची और आसपास के इलाके में वर्ष भर में दही के खपत के बराबर की खपत आज होती है। इसके देखते हुए डेयरी कंपनियां पिछले पांच दिनों से बाजार में अतिरिक्त दूध की आपूर्ति कर रहे थे।
रांची, जासं । मकर संक्रांति का पर्व दही और चुड़ा के बिना अधुरा है। ऐसे में रांची और आसपास के इलाके में वर्ष भर में दही के खपत के बराबर की खपत आज होती है। इसके देखते हुए राज्य की डेयरी कंपनियां पिछले पांच दिनों से बाजार में अतिरिक्त दूध की आपूर्ति कर रहे थे। इस मकर संक्रांति पर चुड़ा दही का आनंद लेने के लिए शहर में 22 लाख लीटर दुध और 45 हजार किलो दही की खपत हुई है। हालांकि ये खपत डेयरी कंपनियों के द्वारा 10 जनवरी से 13 जनवरी तक की बिक्री के आधार पर दी गयी है।
झारखंड कोआपरेटिव मिल्क फेडरेशन के ब्रांड मेधा डेयरी के एमडी सुधीर कुमार ने बताया कि 10 जनवरी से 13 जनवरी तक मेधा में छह लाख लीटर दूध की मांग आयी, जिसे समय पर पूरा किया गया। वहीं संस्थान ने दही की बड़ी मात्रा बाजार में लोगों की सहुलित के लिए भेजी। हमने रांची सहित आसपास के बाजारों में 15 हजार किलो दही की आपूर्ति की है। इसमें एक किलो और पांच किलो के बाल्टी की मांग बेहतर रही है।
वहीं कॉम्फेड ब्रांड सुधा के द्वारा रांची में सात लाख लीटर दुध 10 जनवरी से 13 जनवरी के बीच उपलब्ध कराया गया है। इसके साथ ही सुधा ने मकर संक्रांति पर पूरे झारखंड में 45 लाख लीटर दुध की व्यवस्था की है। इसके अतिरिक्त संस्थान के द्वारा एक किलो, पांच किलो और दस किलो के दही के बकेट का इंतजाम किया है। वही आसम डेयरी ने पांच दिन में 4 लाख लीटर दूध और एक टन दही का कारोबार किया है। इसके अलावे रांची के खटालों के द्वारा बड़ी मात्रा में दूध की अतिरिक्त बिक्री की गयी है।