Thunderstorm Hit Jharkhand: वज्रपात से फिर 5 की मौत, चार दिन में 40 मरे
तीन दिनों में ठनका से मौत की सबसे ज्यादा घटनाएं जामताड़ा गढ़वा और चतरा में हुई हैं। चार दिनों के भीतर जामताड़ा में छह और चतरा व गढ़वा में पांच-पांच लोगों की मौत हो चुकी है।
रांची, जेएनएन। मानसून में झारखंड में बारिश भले ही पर्याप्त मात्रा में न हो रही हो, लेकिन जरा भी बादल घिरने पर राज्य के विभिन्न हिस्सों में वज्रपात से तबाही की घटनाएं लगातार हो रही हैं। थंडरिंग के लिए डेंजर जोन के रूप में चिन्हित झारखंड में हर साल वज्रपात से सैंकड़ों लोगों की जान जाती है। शुक्रवार की सुबह भी गिरिडीह और गढ़वा जिले के अलग-अलग इलाकों में हुई वज्रपात की घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई। वहीं पिछले चार दिनों में वज्रपात से राज्य में 38 लोगों की मौत हो चुकी है।
शुक्रवार सुबह गिरिडीह के चेंगरबाद और महेशमरवा गांवों में वज्रपात की दो घटनाओं में दो किसानों की मौत हो गई। इनमें चेंगरबाद के बीरालाल मुर्मु (40) और नसीम अंसारी (50) शामिल हैं। घटना के वक्त दोनों अपने खेत में हल चला रहे थे। वहीं गढ़वा जिले के खरौंधी, बंशीधरनगर और मझिआंव में वज्रपात की तीन अलग-अलग घटनाओं में एक बच्चे सहित तीन लोगों की मौत हो गई।
मझिआंव के सोनपुरवा गांव निवासी में वज्रपात की चपेट में आकर अपनी मां की गोद में सोये एक चार माह के बच्चे की मौत हो गई। इस घटना में दो अन्य घायल हो गए हैं। उधर खरौंधी प्रखंड के सिसरी गांव निवासी 60 वर्षीय पच्चू यादव की भी शुक्रवार दोपहर खेत में काम करने के दौरान वज्रपात से मौत हो गई। इसी तरह श्री बंशीधर नगर थाना क्षेत्र के चितविश्राम गांव में वज्रपात से सगुनी साह के 35 वर्षीय पुत्र मंदीप साह की मौत हो गई।
जामताड़ा, गढ़वा, चतरा और गिरिडीह में सबसे ज्यादा घटनाएं
दो दिन पहले बुधवार को जहां राज्य में वज्रपात से 24 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं सोमवार और मंगलवार को वज्रपात से नौ की मौत हुई थी। तीन दिनों में ठनका (वज्रपात) से मौत की सबसे ज्यादा घटनाएं जामताड़ा, गढ़वा और चतरा में हुई हैं। चार दिनों के भीतर जामताड़ा में छह और चतरा व गढ़वा में पांच-पांच लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं गिरिडीह में चार, दुमका में तीन तथा पाकुड़, लातेहार, रामगढ़ और रांची में दो-दो और देवघर, लोहरदगा, गुमला, कोडरमा, बोकारो में एक-एक को वज्रपात की चपेट में आकर जान गंवानी पड़ी हुई हैं।
चार लाख मुआवजे का है प्रावधान
गिरिडीह जिले के गांडेय के सीओ धनंजय पाठक ने बताया कि वज्रपात से मौत होने पर चार लाख रुपये तक मुआवजा देने का प्रावधान है। इसके लिए मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट, थाना में हुई प्राथमिकी की रिपोर्ट व मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ अंचल में आवेदन देने पर मुआवजा मिलेगा।
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