4 करोड़ फर्जी चेक का मामला: तीसरा शातिर पुलिस को दे रहा चकमा, बचने के लिए लगातार बदल रहा ठिकाना
कांटाटोली चौक स्थित एचडीएफसी बैंक से 4.82 करोड़ के फर्जी चेक के साथ धराये शातिरों से पुलिस को कई अहम जानकारियां मिली हैं। शातिरों से मिली जानकारी के अनुसार एक गिरोह काम कर रहा है जिसमें कई लोग शामिल हैं।
रांची, जासं । कांटाटोली चौक स्थित एचडीएफसी बैंक से 4.82 करोड़ के फर्जी चेक के साथ धराये शातिरों से पुलिस को कई अहम जानकारियां मिली हैं। शातिरों से मिली जानकारी के अनुसार एक गिरोह काम कर रहा है जिसमें कई लोग शामिल हैं। गिरोह के तार बेंगलुरु से पटना और उत्तरप्रदेश से भी जुड़ रहे हैं। वहीु, पुलिस को जो गुप्त सूचना मिली है इसके अनुसार रांची में इस गिरोह के करीब पांच सदस्य सक्रिय है। जिसमें से दो पकड़ा गया वहीं तीसरा चार दिनों से पुलिस को चकमा दे रहा है।
तीन दिसंबर को कांटाटोली चौक स्थित एचडीएफसी बैंक से पुलिस को चकमा देकर फरार हुआ तीसरा शातिर प्रमोद इंदवार गिरोह का प्रमुख सदस्य बताया जा रहा है। पुलिस से बचने के लिए प्रमोद लगातार अपना ठिकाना बदल रहा है। गिरोह के सदस्यों को पकड़ने के लिए पुलिस की एक टीम लगातार अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर रही है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हू-ब-हू चेक बनाना सामान्य काम नहीं है। पुलिस के लिए सबसे बड़ी पहेली कारोबारी कृष्णा पांडेय का हस्ताक्षर है। 4.82 करोड़ रुपये के फर्जी चेक पर जो हस्ताक्षर है वो बहुत हद तक मिलता है। जांच कर रहे पुलिस अधिकारी इस एंगल पर काम कर रही है कि शातिरों को कारोबारी का हस्ताक्षर कहां से मिला।
बता दें कि तीन सितंबर को तीन युवक 4.82 करोड़ रुपये का फर्जी चेक लेकर कांटाटोली चौक स्थित एचडीएफसी बैंक पहुंचा। शातिर चेक भजाने की जुगत में था हालांकि बैंक कर्मियों के सतर्कता के कारण बड़ी ठगी होने से बच गई। बैंक की सूचना पर लोअर बाजार थाना पुलिस ने तुपुदाना के सतरंजी निवासी अलबर्ट एक्का और मुकुंद आइंद को धर दबोचा लेकिन पुलिस के आने की भनक लगते ही तीसरा शातिर प्रमोद इंदवार भागने में सफल रहा। बता दें कि फर्जी चेक उत्तरप्रदेश के बड़े कारोबारी कृष्णा पांडेय द्वारा झारखंड में संचालित एक प्रतिष्ठान का था।
गिरोह कहीं बड़े कारोबारियों की रेकी तो नहीं कर रहा
जिस प्रकार से फर्जी चेक बरामद हुआ है इससे बड़ा सवाल ये है कि आखिर कारोबारी का हस्ताक्षर शातिरों को कैसे मिला। जानकारी के अनुसार पुलिस को इनपुट मिली है कि गिरोह आसानी से पहुंच वाले बड़े कारोबारियों की रेकी कर रहा है। कारोबारी के हस्ताक्षर की कॉपी कर फर्जी चेक तैयार करता है।