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3 साल पहले मिले 35 लाख, फिर भी चालू नहीं हो पाया महिला हेल्पलाइन नंबर 181 Ranchi News

Jharkhand. वर्ष 2015 में केंद्र सरकार ने नंबर चालू करने के लिए राशि भेजी थी। हेल्पलाइन नंबर 181 पर महिलाएं कर शिकायत सकती हैैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 26 Dec 2019 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 26 Dec 2019 09:39 AM (IST)
3 साल पहले मिले 35 लाख, फिर भी चालू नहीं हो पाया महिला हेल्पलाइन नंबर 181 Ranchi News
3 साल पहले मिले 35 लाख, फिर भी चालू नहीं हो पाया महिला हेल्पलाइन नंबर 181 Ranchi News

रांची, [मनोज कुमार सिंह]। झारखंड में अभी भी महिला हेल्पलाइन नंबर 181 की शुरुआत नहीं हो पाई है, जबकि देश के कई राज्यों में 181 को चालू कर दिया गया है। इसके जरिए महिलाओं को तुरंत सहायता मिल रही है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2015 में 181 नंबर को चालू करने के लिए राज्य सरकार को 34.54 लाख रुपये भी दिए हैैं, लेकिन अभी तक इसे चालू नहीं किया जा सकता है। ऐसे में अगर कोई महिला किसी मुसीबत में होगी, तो उसे मदद के लिए डायल 100 या फिर मोबाइल हेल्पलाइन की मदद लेनी होगी। राज्य में डायल 100 और मोबाइल हेल्पलाइन क्या स्थिति है, इसको लेकर झारखंड हाई कोर्ट भी टिप्पणी कर चुका है।

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निर्भयाकांड के बाद जारी हुआ था हेल्पलाइन नबंर 181

अधिवक्ता सोनल तिवारी बताते हैैं कि दिल्ली में हुए निर्भयाकांड के बाद केंद्र के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने महिलाओं की सहायता के लिए योजना बनाई। इसके तहत टोल फ्री नंबर 181 जारी किया गया। इसके जरिए महिला अपने खिलाफ हिंसा सहित अन्य मामलों में सहायता ले सकती है। इस नंबर को राज्यों में स्थापित करने के लिए सभी राज्यों को राशि भी दी गई। कई राज्यों में 181 चालू भी हो गया है। उन्होंने इसके लिए याचिका भी दाखिल की है।

राशि मिली पर चालू नहीं हो सका हेल्पलाइन नंबर

झारखंड सरकार को भी इसके तहत करीब 34.54 लाख रुपये मिले हैैं। इसके उपयोग से 181 नंबर के सिस्टम को स्थापित किया जाना है। वर्ष 2015 से 2018 तक राज्य सरकार ने इसके लिए टेंडर जारी किया है। लेकिन अभी तक इसे चालू नहीं किया जा सका है। अब सरकार का कहना है कि सभी नंबर को डायल 112 से जोड़ा जा रहा है।

181 से मिलती हैैं कई तरह से सहायता

सोनल तिवारी ने बताया कि महिला हेल्पलाइन 181 से महिलाओं को कई तरह की सुविधाएं मिलती है। जब कोई महिला मुसीबत में हो तो इस नंबर कॉल करते ही उसे पुलिस की सहायता या फिर एनजीओ के लोग उसकी मदद करने मौके पर पहुंच जाते हैैं। क्योंकि इस सिस्टम में महिला की लोकेशन भी पता कर ली जाती है। इसके अलावा घरेलू ङ्क्षहसा, छेडख़ानी में मदद मिलती है। यह नंबर बहुत तेजी से रिस्पांस करता है। जिसकी वजह से संबंधित महिला के पास मदद भी पहुंच जाती है।


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