पांच साल में 32 हजार लंबित मामलों का होगा निपटारा
जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने सिविल कोर्ट में लंबित मामलों को को निपटारा किया जाएगा।
नीलमणि चौधरी, रांची
: जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने सिविल कोर्ट में लंबित मामलों को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए बड़ा लक्ष्य तय किया है। पांच साल में सुलहनीय प्रकृति के करीब 32 हजार मामलों का लोक अदालत लगाकर निपटारा किया जाएगा। ये मामले छोटे-मोटे अपराध, जमीन विवाद, पारिवारिक विवाद, विभागों व चेक बाउंस से जुड़ा है। इस प्रकार के मामले वर्षो से अदालत में लंबित पड़ा हुआ है। वहीं, अदालत में फाइलों का अंबार लगता जा रहा है। आंकड़ों पर गौर करे तो फिलहाल सिविल कोर्ट में लगभग 47 हजार मामले लंबित हैं। इसमें सर्वाधिक मामले सुलहनीय प्रकृति के ही हैं जबकि 10 हजार मामले गंभीर अपराध, यथा:हत्या, अपहरण, दुष्कर्म आदि से जुड़े हैं। जबकि प्रतिमाह 25 सौ नये मामले अदालत में रजिस्टर होते हैं।
वादियों को मिलेगा सुकून, कम होगा अदालत का बोझ
डालसा के इस प्रयास से छोटे-मोटे मामले में वर्षो से अदालत का चक्कर काट रहे वादियों को लाभ मिलेगा। लोक अदालत में एक दिन में ही मामले निपट जाएंगे। केस समाप्त हो जाएगा। वहीं, अदालत का बोझ भी कम होगा। जिसका असर नये केस की सुनवाई पर पड़ेगा। फैसला में तेजी आयेगी। कोट
अदालतों में लंबित मामले दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। छोटे-मोटे मामले जिसे तत्काल आपसी सहमति से सुलझाया जा सकता है वह भी वर्षो से अदालत में लंबित हैं। अगले पांच साल में 32 हजार मामले लोक अदालत के माध्यम से निपटाने का लक्ष्य रखा गया है।
सेवा चक्रवर्ती, रिटेनर अधिवक्ता, डालसा
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लोक अदालत का प्रयास सफल साबित हो रहा है। इसके बेहतर परिणाम आ रहे हैं। मामले के निपटारे में अधिवक्ता की अहम भूमिका होती है। अत: डालसा से जुड़े पैनल अधिवक्ताओं को सम्मानजनक पेमेंट मिलनी चाहिए। ताकि उसका भी परिवार चले।
कुंदन प्रकाशन, सचिव, जिला बार एसोसिएशन