झारखंड में रोजाना बनाने होंगे 31 हजार शौचालय
झारखंड के कुल 29598 गांंवों में से 19423 (65.39 फीसद ) गांंव ओडीएफ घोषित किए जा चुके हैं। इनमें से 13284 गावों का वेरीफिकेशन भी किया जा चुका है।
रांंची, आनंद मिश्र। आगे निकलने की होड़ कभी-कभी मुश्किल का सबब भी बन जाती है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) को लेकर झारखंड सरकार द्वारा तय लक्ष्य में भी कुछ ऐसी ही बानगी देखने को मिल रही है। केंद्र सरकार ने ओडीएफ के लिए दो अक्टूबर 2019 की मियाद तय की है। इससे इतर झारखंड सरकार ने इस लक्ष्य को एक साल पूर्व दो अक्टूबर 2018 में ही पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है। दो अक्टूबर आने में महज 10 दिन शेष हैं और इस अवधि तक लक्ष्य पूरा करना है तो प्रतिदिन 31 हजार शौचालयों का निर्माण करना होगा।
अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक पर इसे लेकर भारी दबाव है। संभव है कि यह दबाव कागजी रूप में इस लक्ष्य को साध दे लेकिन जमीनी हकीकत इससे जुदा हो सकती है। 4.44 लाख शौचालयों का निर्माण है शेष ओडीएफ के लक्ष्य को तयशुदा समय में साधने के लिए पूरे राज्य में अभी 4.44 लाख से अधिक शौचालयों का निर्माण किया जाना शेष है।
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की 18 सितंबर की रिपोर्ट कुछ ऐसा ही बताती है। इस तिथि को आधार बनाएं तो प्रतिदिन 31 हजार से अधिक शौचालयों का निर्माण करना होगा। राज्य के कुल 24 जिलों में से अब तक 12 जिले ओडीएफ हो चुके हैं और इतने ही बाकी हैं। हालांंकि, खूंटी लक्ष्य के करीब है। संभव है कि रिपोर्ट लिखे जाने तक खूंटी ओडीएफ हो चुका हो।
65.62 फीसद गांंव हुए ओडीएफ
राज्य के कुल 29598 गांंवों में से 19423 (65.39 फीसद ) गांंव ओडीएफ घोषित किए जा चुके हैं। इनमें से 13284 गावों का वेरीफिकेशन भी किया जा चुका है। ये जिले हुए ओडीएफ धनबाद, पश्चिम सिंहभूम, सरायकेला-खरसावा, जामताड़ा, चतरा, देवघर, हजारीबाग, कोडरमा, लातेहार, लोहरदगा, रामगढ़ और सिमडेगा।
इन 12 जिलों में बनाने हैं 4.44 लाख से अधिक शौचालय
जिला शौचालयों की संख्या
दुमका 89207
पलामू 60384
गिरिडीह 56633
पाकुड़ 52744
रांची 45610
गोड्डा 41167
गुमला 38459
गढ़वा 35482
बोकारो 12083
साहिबगंज 9703
पूर्वी सिंहभूम 4904
खूंटी 201
कुल 446577