राज्य में चाहिए 30 हजार अतिरिक्तजवान, तब बनेगी बात
रांची : राज्य में वर्तमान परिस्थिति में करीब 30 हजार अतिरिक्तजवान चाहिए, तब बात बनेगी। तभी डीजीपी के आदेश का पालन हो सकेगा। पुलिकर्मियों के काम की अवधि ठीक हो सकेगी।
राज्य ब्यूरो, रांची : राज्य में वर्तमान परिस्थिति में करीब 30 हजार अतिरिक्तजवान चाहिए, तब बात बनेगी। इसके बाद ही आठ घंटे की ड्यूटी व सप्ताह में छह दिन काम करने का सौभाग्य पुलिसकर्मियों को मिल पाएगा।
वर्तमान में सिपाही-हवलदार व चालक मिलाकर प्रदेश में 62557 जवान हैं। जबकि, वर्ष 2013 में स्वीकृत बल 73 हजार था, आज भी उतना ही है। यह स्वीकृत बल जिला बल, जैप की दस बटालियन, आइआरबी की पांच बटालियन, पहाड़िया की बटालियन, एसआइएसएफ की एक बटालियन से संबंधित है। सिपाहियों को उनके मूल कार्य के अतिरिक्त उनसे काम लिया जा रहा है। जैसे, दफ्तर में सहायक, रसोइया, धोबी, जलवाहक आदि का काम सिपाही कर रहे हैं। उन्हें उनके मूल काम में लाने के अलावा स्वीकृत बल से 20 हजार अधिक यानि वर्तमान में करीब 30 हजार जवान अतिरिक्त जब तक इस प्रदेश को नहीं मिलेंगे, तब तक डीजीपी के आदेश का अनुपालन मुश्किल है।
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'सिपाहियों के मूल कार्य से अतिरिक्तकार्य लिया जा रहा है। डीजीपी ने अपना भार जिलों को थोप दिया है। जब तक राज्य में 30 हजार अतिरिक्तजवान नहीं मिलेंगे, तब तक डीजीपी का सिपाहियों के लिए तीन शिफ्ट में नौकरी संबंधित आदेश लागू नहीं हो सकेगा।'
-राकेश कुमार पांडेय, प्रदेश उपाध्यक्ष, झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन।
मंगलवार से 70 हजार पुलिसकर्मी काला बिल्ला लगाकर करेंगे ड्यूटी राज्यभर के पुलिसकर्मी करेंगे आंदोलन
पूरे राज्य में सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर रैंक तक के पुलिसकर्मी-पदाधिकारियों का आंदोलन मंगलवार से शुरू होने जा रहा है। आंदोलन का प्रथम चरण मंगलवार 12 फरवरी से 14 फरवरी तक का है। इस दौरान राज्य के 70 हजार पुलिसकर्मी काला बिल्ला लगाकर अपनी ड्यूटी बजाएंगे। द्वितीय चरण में 20 फरवरी को सभी पुलिसकर्मी अपने-अपने मुख्यालय के सामने सामूहिक उपवास पर रहेंगे। इसके बावजूद उनकी मांगें नहीं मानी गई तो आंदोलन के तृतीय चरण में 28 फरवरी से चार मार्च तक सभी पुलिसकर्मी सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे।
आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने के लिए ही शुक्रवार को जैप वन परिसर में झारखंड पुलिस चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ की एक बैठक हुई। संघ के महामंत्री सुधीर थापा ने कहा कि सरकार 13 महीने का वेतन व सातवें वेतन आयोग के आलोक में भत्ता देने के लिए टाल-मटोल कर रही है। मांग पूरी होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। क्या है पुलिसकर्मियों की मांगें :
- सीमित विभागीय प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से सिपाही से दारोगा के पद पर प्रोन्नति अविलंब रोकी जाए।
- दिल्ली पुलिस व अन्य राज्यों की तर्ज पर झारखंड पुलिस के कर्मियों को भी 13 महीने का वेतन दिया जाए।
- सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप पुलिसकर्मियों को मिलने वाले भत्ते दिए जाएं।