अलकतरा घोटाले में एसबीआइ के 3 अधिकारियों ने दर्ज कराई गवाही Ranchi News
Jharkhand. 15 किलोमीटर सड़क निर्माण में 55.41 लाख रुपये का घोटाला हुआ था। ईडी व सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज की थी। ईडी की ओर से अब तक 10 गवाह पेश किए जा चुके हैं।
रांची, जासं। अलकतरा घोटाले में सीबीआइ के विशेष जज एके मिश्रा की अदालत में मंगलवार को ओडिशा के राउरकेला के एसबीआइ बालिंग ब्रांच के मैनेजर विनायका खामरी व दो अन्य बैंक अधिकारियों जनेश बिटुंग और रीनू इएफ की गवाही हुई। गवाही के दौरान विनायका खामरी ने घोटाले की आरोपित कंपनी कलावती कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, गढ़वा व निदेशक विजय तिवारी के खाता व अन्य दस्तावेजों की पुष्टि की।
आरोप है कि बालूमाथ-हेरहंज-पांकी के बीच 15 किलोमीटर लंबी सड़क की मरम्मत में कलावती कंपनी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा फर्जीवाड़ा कर करीब 55.41 लाख रुपये का अलकतरा घोटाला किया गया। मामले में सीबीआइ व ईडी दोनों ही एजेंसी की ओर से प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अभी तक ईडी की ओर से 10 गवाह पेश किए जा चुके हैं।
13 बिल पेश किए, इनमें 11 फर्जी
वर्ष 2006-07 में रोड डिवीजन, डालटनगंज की ओर से बालूमाथ-हेरहंज-पांकी के बीच 15 किलोमीटर सड़क मरम्मत का काम कलावती कंपनी प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया। मरम्मत के नाम पर 224 मिट्रिक टन अलकतरे का घोटाला किया गया। कंपनी की ओर से 13 बिल पेश किए गए थे, जिसमें 11 बिल फर्जी निकले। इस मामले में दो एजेंसी सीबीआइ व ईडी ने वर्ष 2010-11 के बीच कंपनी व उसके निदेशक मनोज तिवारी के खिलाफ अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की। मनोज तिवारी मूलरूप से उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के रहने वाले हैं।
कोर्ट की मौखिक टिप्पणी, सीबीआइ कार्य में लाए तेजी
सुनवाई के दौरान अदालत ने सीबीआइ जांच में सुस्ती पर टिप्पणी करते हुए कहा कि गवाही दिलाने में एजेंसी तेजी लाए। ताकि, दोनों ही मामलों में एक साथ सुनवाई पूरी हो सके।