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आरएसएस के 250 स्वयंसेवक लगेंगे रथ यात्रा के दर्शन व्यवस्था में

चार जुलाई गुरुवार को जगन्नाथ रथ मेला है। इस दिन भगवान जगन्नाथ भाई बलभद्र और बहर सुभ्रदा की रथ यात्रा है। इसमें आरएसएस के 250 स्वयंसेवक दर्शन व्यवस्था में लगेंगे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Jul 2019 04:31 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2019 06:43 AM (IST)
आरएसएस के 250 स्वयंसेवक लगेंगे रथ यात्रा के दर्शन व्यवस्था में
आरएसएस के 250 स्वयंसेवक लगेंगे रथ यात्रा के दर्शन व्यवस्था में

जागरण संवाददाता, रांची : चार जुलाई गुरुवार को जगन्नाथ रथ मेला है। इस दिन भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के दर्शन के लिए सुबह चार बजे से ही लोगों की भीड़ उमड़ने लगती है। दर्शन व्यवस्था सुचारू रूप से चले इसको देखने की जिम्मेदारी मंदिर प्रबंधन की ओर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) को दी गई है। इस व्यवस्था में रांची महानगर के 250 से अधिक स्वयंसेवक लगेंगे। रांची महानगर के कार्यवाह धनंजय सिंह ने बताया कि सभी स्वयंसेवकों को सुबह चार बजे आने को कहा गया है। सभी स्वयंसेवक दर्शन करने आने वाले भक्तों की सुविधा का ख्याल रखेंगे। उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हो, महिलाओं को दर्शन करने में असुविधा नहीं हो, इसे देखेंगे। सभी स्वयंसेवकों को पदवेश रहित गणवेश में आने को कहा गया है।

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12 जुलाई को है घुरती रथ यात्रा

ऐतिहासिक जगन्नाथ रथ यात्रा चार जुलाई को धूमधाम से निकाली जाएगी। वहीं घुरती रथ यात्रा 12 जुलाई को है। रथ यात्रा में दो दिन अभी शेष हैं लेकिन अभी से जगन्नाथपुर का पूरा इलाका जगन्नाथमय बना हुआ है। सड़क के दोनों ओर बाजार सजने लगे हैं। बड़े-बडे़ झूले लगाने का काम चल रहा है। कहीं, मिठाई का दुकान खड़ा किया जा रहा है तो कहीं मीना बाजार लग रहा है। बाजार में अभी से लोगों की चहलकदमी बढ़ गई है। मंदिर समिति, नगर निगम के अलावा आम लोग भी अपने-अपने घरों के आसपास साफ-सफाई कर रहें हैं। मेहमानों की आने की तैयारी की जा रही है। साथ ही, मंदिर समिति और रथ मेला सुरक्षा समिति भी अपने-अपने स्तर पर मेला की तैयारी को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। रात 10 बजे तक मंदिर के आसपास लोगों का जुटान रहता है। अंतिम चरण में है रथ का निर्माण

रथ यात्रा पर लाखों भक्त भगवान जगन्नाथ का रथ खींचने जगन्नाथपुर मंदिर पहुंचेंगे। इस दौरान 10 दिनों का बड़ा मेला लगेगा। रथ का निर्माण भी अंतिम चरण में है। आधा दर्जन से ऊपर कलाकार रथ बनाने से लेकर रंग रोगन में जुटे हुए हैं। मंदिर में भगवान के 15 दिनों के एकांतवास से बाहर आने की तैयारी की जा रही है। जय जगन्नाथ के जयकारे के बीच तीन जुलाई को दोपहर तीन बजे प्रभु भक्तों को दर्शन देने बाहर निकलेंगे। इस दौरान प्रभु के स्वागत में सैकड़ों लोग जुटेंगे।

ग्रामीण क्षेत्र के लिए काफी उपयोगी होता है मेला

बारिश से पूर्व जगन्नाथ रथ यात्रा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए काफी लाभदायक होता है। खाने-पीने और मनोरंजन के अलावा घरेलू उपयोग और कृषि उपकरण के दर्जनों दुकान लगते हैं। मछली पकड़ने के जाल, कुदाल, फावड़ा, टांगी आदि खूब बिक्री होती है। कृषि उपकरण खरीदने वाले किसानों को इस मेला का इंतजार रहता है।


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